जम्मू-कश्मीर: नजरबंदी के 220 दिनों बाद फारूक अब्दुल्ला की रिहाई के आदेश, जानें उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती कब होंगे रिहा

By सुरेश एस डुग्गर | Published: March 13, 2020 06:02 PM2020-03-13T18:02:27+5:302020-03-13T18:02:27+5:30

केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में जेके अपनी पार्टी नामक एक नए सियासी संगठन के गठन के बाद फारूक अब्दुल्ला की रिहाई को एक बड़ी सियासी पहल माना जा रहा है।

Jammu and Kashmir: Farooq Abdullah release order after 220 days, know when Omar Abdullah and Mehbooba Mufti will be released | जम्मू-कश्मीर: नजरबंदी के 220 दिनों बाद फारूक अब्दुल्ला की रिहाई के आदेश, जानें उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती कब होंगे रिहा

220 दिनों की कैद के बाद पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के पीएसए को समाप्त कर दिया है (Photo source- PTI)

Highlightsआज जम्मू कश्मीर गृह विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर उनकी रिहाई पर मुहर लगायी है।फारुक अब्दुला को सितंबर 2019 में उन्हें जन सुरक्षा अधिनियम 1978 के तहत बंदी बनाया गया

जम्मू: प्रशासन ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए 220 दिनों की कैद के बाद पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के पीएसए को समाप्त कर दिया है। उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा करने का आदेश जारी किया गया हे। ऐसा कहा जा रहा है कि सोमवार से डॉ. अब्दुल्ला संसद की कार्रवाई में भी भाग लेंगे।

करीब पांच दिन पहले एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्षा ममता बनर्जी, माकपा प्रमुख सीता राम येचुरी समेत विपक्ष के सभी प्रमुख नेताओं ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री को एक संयुक्त पत्र लिखकर जम्मू कश्मीर के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं की रिहाई का आग्रह किया था। फिलहाल दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों- उमर अब्दुल्ला तथा महबूबा मुफ्ती के प्रति प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है।

केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में जेके अपनी पार्टी नामक एक नए सियासी संगठन के गठन के बाद फारूक अब्दुल्ला की रिहाई को एक बड़ी सियासी पहल माना जा रहा है। हालांकि दिसंबर माह में उनके पीएसए में जो तीन माह का विस्तार दिया गया था, वह भी आज ही समाप्त हुआ है।

 उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती समेत करीब नौ नेता पीएसए के तहत बंद

फिलहाल, फारुक अब्दुल्ला के पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अलावा पीडीपी अध्यक्षा व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत करीब नौ नेता पीएसए के तहत बंदी हैं। अब्दुल्ला की रिहाई के बाद जल्द ही इन नेताओं को भी पीएसए से मुक्त किए जाने की संभावना प्रबल हो गई है।

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके फारुक अब्दुल्ला को पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लागू किए जाने के मद्देनजर प्रशासन ने एहतियातन हिरासत में लिया था। इसके बाद सितंबर 2019 में उन्हें जन सुरक्षा अधिनियम 1978 के तहत बंदी बनाया गया और उन्हें गुपकार स्थित उनके घर में ही कैद किया गया। उनके घर को सबजेल के तौर पर अधिसूचित किया गया था। बाद में उनके पीएसए की अवधि को बढ़ाया गया था।

आज जम्मू कश्मीर गृह विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर उनकी रिहाई पर मुहर लगायी है। इसमें कहा गया है कि जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा अधिनियम 1978 की धारा 19 की उपधारा एक के तहत जम्मू कश्मीर सरकार 15 सितंबर 2019 को जिला मैजिस्ट्रेट श्रीनगर द्वारा डा फारूक अब्दुल्ला को बंदी बनाए जाने के आदेश संख्या डीएमएस पीएसए 120 2019 , जिसे 13 दिसंबर 2019 को गृह विभाग के एक आदेश जारी कर, तीन माह के लिए विस्तार दिया था, को वापस लिया जाता है।

Web Title: Jammu and Kashmir: Farooq Abdullah release order after 220 days, know when Omar Abdullah and Mehbooba Mufti will be released

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