Jammu and Kashmir: सेना के जवान का गोलियों से छलनी शव बरामद, अनंतनाग में आतंकवादियों ने किया था अगवा
By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 9, 2024 12:08 PM2024-10-09T12:08:56+5:302024-10-09T12:30:56+5:30
Jammu and Kashmir: अनंतनाग इलाके में आतंकवादियों द्वारा अपहृत प्रादेशिक सेना के जवान का शव बरामद कर लिया गया है, जिस पर गोलियों के घाव हैं। वह कल से लापता बताए जा रहे थे और वहां सुरक्षा बलों द्वारा तलाशी अभियान चलाया जा रहा था।
Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों द्वारा सेना के जवान को अगवा किए जाने के एक दिन बाद सिपाही का शव बरामद किया गया है। सेना के जवान का शव गोली लगने के निशान के साथ बरामद किया गया है। जवान कल से लापता था और इलाके में सुरक्षा बलों द्वारा तलाशी अभियान जारी था।
एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि कल प्रादेशिक सेना के एक सैनिक के लापता होने के बाद आज सुबह पुलिस और सेना द्वारा बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया था, आज तलाशी के दौरान उसका शव बरामद किया गया है। अधिकारी ने आगे कहा कि सेना के सैनिक की मौत के कारणों और उसके लापता होने के कारणों की जांच की जा रही है।
#WATCH | J&K: Body of the Territorial Army jawan abducted by terrorists in Anantnag area has been recovered with gunshot wounds. He had been reported missing since yesterday and search operations were on by the security forces there.
— ANI (@ANI) October 9, 2024
(Earlier visuals of the search operation that… pic.twitter.com/Ty3wuKU8D7
उसकी पहचान हिलाल अहमद भट निवासी मुकधमपोरा नौगाम अनंतनाग के रूप में हुई है। इससे पहले, सेना की चिनार कोर ने एक पोस्ट में लिखा था, "खुफिया जानकारी के आधार पर, भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर 8 अक्टूबर को कोकरनाग के कजवान जंगल में एक संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया। ऑपरेशन रात भर जारी रहा, क्योंकि प्रादेशिक सेना का एक जवान लापता बताया गया। बड़े पैमाने पर बचाव और तलाशी अभियान जारी है।"
जानकारी के अनुसार, भारतीय सेना के हवाले से बताया कि 5 अक्टूबर को सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया, जिसमें दो आतंकवादी मारे गए।
इससे पहले इसी साल अगस्त में अनंतनाग में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में भी दो जवान शहीद हो गए थे और तीन अन्य घायल हो गए थे।
इससे पहले डोडा जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के चार जवान और एक पुलिस अधिकारी शहीद हो गये थे। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के छद्म समूह 'कश्मीर टाइगर्स' ने ली थी।