JK: सीमा पार से घुसपैठ की फिराक में बैठे है 200 खूंखार आतंकी, बोले जनरल उपेंद्र द्विवेदी, कहा सीजफायर की घटनाओं में कमी, छोटे-बड़े 35 उग्रवादी कैंप्स अब भी सक्रिय

By भाषा | Published: May 7, 2022 03:31 PM2022-05-07T15:31:35+5:302022-05-07T15:38:08+5:30

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी से जब अफ्सपा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आफ्सपा उस दिन खुद चला जाएगा जब जम्मू कश्मीर के सड़कों पर सशस्त्र गार्ड और अर्धसैनिक बलों की कोई आवश्यकता नहीं होगी।

Jammu 200 terrorists infiltrate from across border General Upendra Dwivedi reduction ceasefire incidents 35 small-big militant camps still active | JK: सीमा पार से घुसपैठ की फिराक में बैठे है 200 खूंखार आतंकी, बोले जनरल उपेंद्र द्विवेदी, कहा सीजफायर की घटनाओं में कमी, छोटे-बड़े 35 उग्रवादी कैंप्स अब भी सक्रिय

JK: सीमा पार से घुसपैठ की फिराक में बैठे है 200 खूंखार आतंकी, बोले जनरल उपेंद्र द्विवेदी, कहा सीजफायर की घटनाओं में कमी, छोटे-बड़े 35 उग्रवादी कैंप्स अब भी सक्रिय

Highlightsलेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने घुसबैठ पर शुक्रवार को जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सीमापार से 200 आतंकवादी भारत में घुसबैठ के लिए तैयार है। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि 48 सद्भावना स्कूलों में 15,000 छात्रों का भविष्य को सुधारा जा रहा है।

जम्मू: उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा कि घुसपैठ में भारी कमी आई है लेकिन फिर भी 200 आतंकवादी सीमा पार से जम्मू-कश्मीर में घुसने की फिराक में हैं। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर संघर्षविराम फरवरी 2021 के समझौते के बाद से अच्छी तरह से काम कर रहा है। द्विवेदी ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में प्रशिक्षित आतंकवादियों की संख्या घट रही है और स्थानीय आश्रय एवं समर्थन के अभाव में इस साल अब तक 21 विदेशी आतंकवादियों का सफाया किया जा चुका है। 

सीमापार से 200 आतंकवादी घुसबैठ के लिए है तैयार-उपेंद्र द्विवेदी

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा स्थिति के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, "भारत-पाकिस्तान सीमा पर दूसरी ओर लगभग 200 आतंकवादी हैं जो इस तरफ घुसपैठ की फिराक में हैं।" सैन्य कमांडर ने कहा कि घुसपैठ रोधी ग्रिड अत्यंत मजबूत है। द्विवेदी ने आगे कहा, "हमने सुनिश्चित किया है कि सभी रिजर्व सैनिकों को रक्षा के दूसरे चरण में रखा जाए ताकि कोई घुसपैठ न हो।" 

उन्होंने कहा, "पिछले बारह महीनों में संघर्षविराम उल्लंघन की संख्या बहुत सीमित रही है- केवल एक से तीन बार संघर्षविराम उल्लंघन हुआ है।" लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि हालांकि, सीमा पार आतंकवादी ढांचा बरकरार है। उन्होंने कहा, "छह बड़े आतंकवादी शिविर और 29 छोटे शिविर हैं। विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों के पास (आतंकवादियों के) अस्थायी लॉन्चिंग पैड हैं।" 

जम्मू,नेपाल और पंजाब से भी होते हैं घुसबैठ- लेफ्टिनेंट उपेंद्र द्विवेदी

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आतंकी ढांचे को बनाए रखने के लिए पाकिस्तानी सेना को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि "पाकिस्तानी सेना तथा उसकी एजेंसियों की मिलीभगत से इन्कार नहीं किया जा सकता।" द्विवेदी ने कहा कि घुसपैठ न केवल पहाड़ी इलाकों और जंगलों से होती है, बल्कि जम्मू के जरिए अंतरराष्ट्रीय सीमा और पंजाब तथा नेपाल से भी होती है। उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य इन लोगों की पहचान करना और जल्द से जल्द उनका सफाया करना है।" 

सैन्य कमांडर ने कहा कि इस समय भीतरी इलाकों में 40 से 50 स्थानीय आतंकवादी और विदेशी आतंकवादी भी सक्रिय हैं, जिनकी संख्या निर्धारित नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, "लेकिन हमने अब तक 21 विदेशी आतंकवादियों को मार गिराया है। यह दर्शाता है कि (क्षेत्र में) आतंकवादियों को पनाह देने और उनके प्रति समर्थन दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है।" 

48 सद्भावना स्कूलों में 15,000 छात्रों के भविष्य को सुधारा जा रहा है

द्विवेदी ने कहा कि जिन स्थानीय आतंकवादियों को मार गिराया गया, उन्हें बहुत खराब प्रशिक्षण मिला था और वे सिर्फ पिस्तौल से लैस थे। कट्टरपंथ पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि किशोरों की भर्ती (आतंकवाद के लिए) तेजी से हो रही है और यह सभी के लिए चिंता का विषय है। 

उन्होंने कहा, “उन्हें (किशोरों) पाकिस्तान द्वारा भरे गए कट्टरपंथ से छुटकारा दिलाने के लिए शिक्षित किया जा रहा है। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद एक बदलाव आया है। यह बदलाव लाने में सेना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।” द्विवेदी ने कहा कि 48 सद्भावना स्कूलों में 15,000 से अधिक छात्रों को सिखाया जा रहा है कि वे अपने देश में अपने लिए बेहतर भविष्य कैसे बना सकते हैं। 

आफ्सपा के बारे में क्या बोलें जनरल उपेंद्र द्विवेदी

जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (आफ्सपा) के निरस्त होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि आफ्सपा उस दिन खुद चला जाएगा जब सड़कों पर सशस्त्र गार्ड और अर्धसैनिक बलों की कोई आवश्यकता नहीं होगी। 

अमरनाथ यात्रा के बारे में उन्होंने कहा कि काम चल रहा और ‘ऑपरेशन शिव’ के तहत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि 2019 की तुलना में इस साल तीर्थयात्रियों की संख्या दोगुना होने की उम्मीद है तथा ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्रा के दौरान कोई आतंकी घटना न हो। अतिरिक्त बल तैनात किए जा रहे हैं।’’ 
 

Web Title: Jammu 200 terrorists infiltrate from across border General Upendra Dwivedi reduction ceasefire incidents 35 small-big militant camps still active

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे