लाइव न्यूज़ :

कृषि, जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करा रहा है जल जीवन मिशन

By भाषा | Updated: September 14, 2021 16:59 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 14 सितंबर जलवायु परिवर्तन का कृषि एवं जल संसाधनों सहित विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभावों के आकलन के उद्देश्य से राष्ट्रीय जल मिशन अध्ययन करा रहा है ताकि इसके प्रबंधन के लिये राज्य विशिष्ट कार्य योजना तैयार की जा सके ।

जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक पर्यावरण चुनौती है। कृषि, जल संसाधन सहित विभिन्न क्षेत्रों पर इसके प्रभावों का अध्ययन किया जा रहा है। ’’

उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के प्रबंधन के लिये मिशन जल क्षेत्र में राज्य विशिष्ट कार्य योजना तैयार कर रहा है। इस संबंध में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग के लिये ‘जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय अनुकूलन कोष योजना’ पर अमल की दिशा में भी काम किया जा रहा है।

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय जल मिशन के तहत भारतीय राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन समिति (आईएनसीसीसी) के माध्यम से जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को लेकर आठ शोध अध्ययन कराया जा रहा है।

इसके तहत महानदी बेसिन में जल मौसम प्रक्रियाओं और जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आकलन आईआईएससी, बेंगलूर तथा आईआईटी, भुवनेश्वर कर रहे हैं।

राजस्थान क्षेत्र के अंतर्देशीय जल निकासी और माही बेसिन के लिये जलवायु परिवर्तन प्रभाव का अध्ययन एमएनआईटी जयपुर, आईआईटी दिल्ली तथा सीयू अजमेर कर रहे हैं। तापी बेसिन के जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सूरत, एमएनआईटी जयपुर तथा एमएनआईटी भोपाल कर रहे हैं ।

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और भूमि उपयोग/सुवर्णरेखा बेसिन में स्थानिक और सामयिक जल उपलब्धता संबंधी भूमि क्षेत्र में परिवर्तन पर अध्ययन आईआईटी, खड़गपुर कर रहा है। साबरमती बेसिन के जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन आईआईटी गांधीनगर, एसवीएनआईटी सूरत कर रहे हैं ।

इसी प्रकार से, तद्री से कन्याकुमारी तक नदी बेसिन में जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन आईआईटी मुम्बई, एनआईटी सूरतकल तथा सीडब्ल्यूआरडीएम कोझीकोड कर रहे हैं ।

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को लेकर युग्मित मॉडल अंतर तुलनात्मक परियोजना तथा जल-जलवायु अनुमानों संबंधी आकलन करने के लिये अध्ययन आईआईटी मुम्बई, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईएससी बेंगलूर, आईआईटी गांधीनगर, आईआईटी कानपुर कर रहे हैं ।

इसके अलावा भारत में जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन-एक का अध्ययन आईआईटी दिल्ली कर रही है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारहिंसा से मुक्त और सुरक्षित समृद्ध बस्तर हमारा संकल्प: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

भारतगुरु घासीदास बाबा ने समाज को समानता, सद्भाव और मानवता का दिया संदेश: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

भारतभाजपा में संगठन सर्वोपरि और संगठन ही शक्ति व विचारधारा ही प्राण?, भाजपा बिहार के नव नियुक्त अध्यक्ष संजय सरावगी ने कार्यभार संभाला

क्रिकेटSyed Mushtaq Ali Trophy Final: फाइनल में 101 रन बनाकर किशन कारनामा? पहली बार चैंपियन झारखंड, हरियाणा को 69 रन से हराया, 5 शतक लगाकर अभिषेक शर्मा रिकॉर्ड की बराबरी?

ज़रा हटकेDCP के सामने दरोगा जी की खुल गई पोल! पिस्टल तक लोड नहीं कर पाए, वीडियो हुआ वायरल

भारत अधिक खबरें

भारतदिल्ली में CNG गाड़ियों को बड़ा झटका! अब इन वाहनों को नहीं मिलेगी गैस, निकलने से पहले जरूर देखें ये डॉक्यूमेंट

भारतPunjab Local Body Election Results: कुल 2838 जोन, आम आदमी पार्टी ने 1494, कांग्रेस 567, शिरोमणि अकाली दल ने 390 और भाजपा ने 75 जोन जीते

भारतमहाराष्ट्र नगर निगम चुनावः कांग्रेस को झटका, राजीव सातव की पत्नी और एमएलसी प्रज्ञा सातव भाजपा में शामिल

भारतराज्य सरकार के अधिकारी और नौकरशाह ‘माननीय’ शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते?, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने-केवल मंत्री करेंगे

भारतबिहार सरकारी स्कूलः शिक्षक नियुक्ति में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा, नहीं मिल रहा 69,000 शिक्षक के सर्टिफिकेट