नई दिल्ली:गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे गए गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के पत्र में उन्होंने लिखा, "बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है।" वहीं, गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर जयवीर शेरगिल ने प्रतिक्रिया दी।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "अब एक वरिष्ठ नेता इसे पीए का क्लब बनने की बात कर रहा है और सुरक्षा गार्डों से पता चलता है कि कांग्रेस में पनप रही इस पूरी मंडली संस्कृति से हर उम्र के नेता निराश हैं। दरअसल, यह दल कांग्रेस के भीतर 'कांग्रेस तोड़ो अभियान' पर काम कर रहा है, सभी नेक नेताओं को बाहर कर रहा है। यह पत्र इस 'दरबारी' संस्कृति से परेशान हजारों नेकदिल कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को बयां करता है।"
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफे की घोषणा करते हुए सोनिया से कहा कि संगठन में किसी भी स्तर पर कहीं भी चुनाव नहीं हुए। उन्होंने ये भी कहा कि एआईसीसी के चुने हुए पदाधिकारियों को एआईसीसी का संचालन करने वाले छोटे समूह द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर धोखे के लिए नेतृत्व पूरी तरह से जिम्मेदार है।
गुलाम नबी आजाद ने अपने त्याग पत्र में कहा कि कांग्रेस लड़ने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है। आजाद ने त्याग पत्र में लिखा कि कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए है, जहां से वापस नहीं आया जा सकता। आजाद पार्टी के 'जी23' समूह के प्रमुख सदस्य रहे हैं। हाल ही में उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चुनाव अभियान समिति के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था।