नई दिल्ली, 27 अगस्तःकांग्रेस ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर गुजरात । इसमें वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 70 साल में पहली बार केंद्र सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सर्कुलर के खिलाफ हाईकोर्ट में दस्तावेज पेश करने गई। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब केंद्र सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाकर देस्तावेज पेश करने गई।
उन्होंने कहा गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम (जीएसपीसी) ने 20,000 करोड़ रुपये खर्च किए। लेकिन जीएसपीसी ने अपना काम नहीं किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस को शुरू करने से पहले नरेंद्र मोदी का एक वीडियो दिखाया गया। इसके बारे में जयराम रमेश ने कहा, ये रहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान, जो तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने जीएसपीसी को लेकर 2005 में एक बड़ी घोषणा की। जीएसपीसी गुजरात के प्राकृतिक गैस पर काम करने वाली सबसे बड़ी संस्था थी। लेकिन यह अफसोस की बात है कि आज सालों बाद सीएजी ने दो रिपोर्ट प्रकाशित कर बताया कि यह ना तो तेल निकाल पाई ना ही गैस। इन दोनों रिपोर्ट के मुताबिक जीएसपीसी ने 20,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट अपनी पसंसीदा कंपनियों को दिया। लेकिन इनमें कोई काम नहीं हुआ।
लेकिन इसके बाद भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लिया गया कर्ज नहीं लौटाया गया। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार 12,000 करोड़ रुपये एसबीआई को चुकाने हैं। नियमानुसार यह कर्जा आरबीआई की ओर से सर्कुलर जारी होने के बाद आने वाले 31 मार्च से अगले 180 दिन में चुकाना होता है। यह समय निकल चुका है। लेकिन अभी यह पैसे बैंकों नहीं चुकाए गए। इसके लिए भारत सरकार ने 70 साल में पहली बार आरबीआई के सर्कुलर के खिलाफ हाईकोर्ट में एक एफिडेविड डाली।
जयराम रमेश ने कहा, आरबीआई के नोटिफेशन के अनुसार स्टेट बैंक के द्वारा दिया गया यह सबसे बड़ा कर्जा था। स्टेट बैंक को यह आज पांच बजे से पहले यह घोषणा करनी चाहिए कि जीएसपीसी एक बैंकरप्ट है। राफेल डील की तरह ही यह भी देश के बैंकों के साथ एक बड़ा घोटाला है।