नई दिल्ली: संसद का विशेष सत्र जारी है। इस दौरान प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में चंद्रयान-3 की सफलता, इसरो की उपलब्धियां और भारत की बढ़ती ताकत का जिक्र किया था। लेकिन कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम नरेश को पीएम मोदी का भाषण रास नहीं आया है। यही कारण है कि जब जयराम नरेश को संसद में बोलने का मौका मिला तो उन्होंने आजादी के बाद से लेकर अब तक का इतिहास दोहरा दिया।
जयराम नरेश ने अपने भाषण में कहा, "चंद्रयान-3 के साथ चंद्रयान I को न भूलें, जिसे 2008 में लॉन्च किया गया था। चंद्रयान II को 2019 में लॉन्च किया गया था। इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि शासन में निरंतरता है। यदि कोई प्रधान मंत्री शासन में निरंतरता को स्वीकार करने से इनकार करता है, यदि प्रधान मंत्री का मानना है कि दुनिया तब शुरू हुई जब वह प्रधान मंत्री बना, यदि प्रधान मंत्री का मानना है कि भारतीय विज्ञान और अंतरिक्ष केवल तभी महान बने जब वह प्रधान मंत्री बने, तो मैं असहमत हूं।"
जयराम नरेश ने भारत से पहले सोलर मिशन आदित्य एल -1 का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "आदित्य एल-1 भी सफल रहा। ये कब शुरू हुआ? इसकी शुरुआत 2006 में हुई थी। आदित्य एल1 की कल्पना, योजना, कार्यान्वयन और लॉन्च होने में 17 साल लग गए।"
कांग्रेस नेता यहीं नहीं रुके। भारत में बढ़ते निर्माण श्रेत्र को लेकर किए गए पीएम मोदी के दावों पर जयराम रमेश ने कहा, "सदन के माननीय नेता ने कहा कि हम भारत में चीजें बना रहे हैं। हम हमेशा भारत में चीजें बनाते रहे हैं। 70 के दशक से ही कई भारतीय कंपनियां भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़ी रही हैं। यह कहना कि 2014 के बाद अचानक हमने अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए चीजें बनाना शुरू कर दिया, तथ्यों का पूरी तरह से गलत तथ्य रखना है। वास्तव में, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम हमेशा भारतीय निजी क्षेत्र और भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के साथ रचनात्मक साझेदारी पर आधारित रहा है। हमारे परमाणु रिएक्टर, रॉकेट, लॉन्चर और उपग्रह सभी भारत में बने हैं, और वे 2014 से पहले भारत में बनाए जा रहे थे।"
बता दें कि इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल पर संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा, "पिछले 13 वर्षों से भारतीय स्त्रियां अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं। अब उन्हें और इंतजार करने को कहा जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मांग है कि ये बिल फौरन अमल में लाया जाए और इसके साथ ही जातिगत जनगणना करवाकर SC, ST और OBC महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए।"
सोनिया गांधी ने कहा कि इस बिल को लागू करने में और देरी करना भारत की स्त्रियों के साथ घोर नाइंसाफी है।मैं कांग्रेस की तरफ से मांग करती हूं कि 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023' को उसके रास्ते की सारी रुकावटों को दूर करते हुए जल्द लागू किया जाए।