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आईटीबीपी जवान बना रहे मास्क, पीपीई पर 100 रुपये का खर्चा, कई इलाकों में पहुंचाने का काम शुरू किया

By भाषा | Updated: April 17, 2020 21:54 IST

भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने अपने सैनिकों और उनके परिवारों द्वारा बनाए गए पीपीई और मास्क कोरोना वायरस के निपटने के लिए अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कई संगठनों को बांटने शुरू कर दिये हैं।

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ठळक मुद्देभारत तिब्बत सीमा पुलिस अपने सैनिकों और उनके परिवारों द्वारा बनाए गए पीपीई कई संगठनों को बांटने शुरू कर दिये हैं।ये अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के लिए नहीं है।

नयी दिल्ली: भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने अपने सैनिकों और उनके परिवारों द्वारा बनाए गए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और मास्क कोरोना वायरस के निपटने के लिए अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कई संगठनों को बांटने शुरू कर दिये हैं। आईटीबीपी ने पिछले सप्ताह हरियाणा के सोनीपत जिले के सबोली स्थति अपने शिविर में पीपीई बनाने के लिए एक विशेष सिलाई केन्द्र की शुरुआत की थी। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 200 पीपीई और 200 मास्क हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी), 50 पीपीई रोहतक डेंटल कॉलेज, 20 पीपीई सूट तथा 50 मास्क दिल्ली, रोहिणी के सर्वोदय विद्यालय और 50 मास्क कोंडली (पूर्वी दिल्ली) नगर निगम को दिए गए हैं।

आईटीबीपी के महानिदेशक (डीजी) एसएस देसवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ ये कोविड-19 सुरक्षा उपकरण पृथक केन्द्रों में काम कर रहे लागों और इसी तरह की सेवाओं में कार्यरत लोगों के इस्तेमाल के लिए हैं। ये अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के लिए नहीं है।’’ उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक संगठनों तक इन्हें पहुंचाने के लिए बल ने इन्हें बनाने की क्षमता भी बढ़ा दी है। आईटीबीपी प्रमुख ने कहा, ‘‘ केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल जैसे कुछ बल भी हमारे सम्पर्क में हैं और हम उन्हें पीपीई और मास्क मुहैया कराएंगे।

’’ उन्होंने बताया कि आईटीबीपी द्वारा बनाए जा रहे पीपीई पर 100 रुपये का खर्चा आ रहा है मास्क पर पांच रुपये से भी कम का खर्चा आता है। सबोली केन्द्र में रोजाना अभी 200 पीपीई और 500 मास्क बनाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि ‘वाइव्स वेल्फेयर एसोसिएशन’ भी इसमें मदद कर रहा है और अभी तक वे 1000 मास्क बना चुके हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि सोशल मीडिया पर भी हमसे इनकी मांग की जा रही है और हम जितनी जल्दी हो सके उनकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। आईटीबीपी ने 28 जनवरी से दिल्ली में एक पृथक केन्द्र बना रखा है, जिसमें देश में सबसे अधिक 1000 बेड की व्यवस्था है। कोरोना वायरस से प्रभावित देशों से लाए करीब 1,200 भारतीयों को यहा अभी तक रखा जा चुका है।

बल को मुख्य रूप से चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा करने का काम सौंपा गया है। इसके अलावा वे देश के आंतरिक सुरक्षा क्षेत्र में कई प्रकार के काम करता है। 

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