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आईटीबीपी ने अविवाहित और विधवा/विधुर कर्मियों के लिए शुरू किया मैट्रिमोनियल पोर्टल

By भाषा | Updated: December 15, 2019 17:33 IST

पर्वतीय लड़ाई में प्रशिक्षित इस बल पर मुख्य रूप से चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। इस बल में फिलहाल विभिन्न रैंकों में करीब 2500 अविवाहित पुरुष और 1000 महिलाएं हैं। आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बहुत सारे कर्मी सुदूर क्षेत्रों में तैनात रहते हैं।

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ठळक मुद्देआईटीबीपी ने एक मैट्रोमोनियल पोर्टल विकसित किया है।बल में फिलहाल विभिन्न रैंकों में करीब 2500 अविवाहित पुरुष और 1000 महिलाएं हैं।

 भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने अपने अविवाहित, विधवा/विधुर और जीवनसाथी से अलग हो चुके कर्मियों को बल के अंदर ही उपयुक्त जीवनसाथी ढूंढने में मदद पहुंचाने के लिए एक मैट्रोमोनियल पोर्टल विकसित किया है। किसी भी अर्द्धसैनिक बल में पहली बार ऐसा कदम उठाया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि पर्वतीय लड़ाई में प्रशिक्षित इस बल पर मुख्य रूप से चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। इस बल में फिलहाल विभिन्न रैंकों में करीब 2500 अविवाहित पुरुष और 1000 महिलाएं हैं। आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बहुत सारे कर्मी सुदूर क्षेत्रों में तैनात रहते हैं।

ऐसे में उनके और उनके परिवार के लिए उपयुक्त जीवनसाथी ढूंढना बड़ा मुश्किल कार्य हो जाता है। अधिकारी ने बताया कि एक आंकड़े के अनुसार बल में करीब 333 कार्यरत दंपति हैं (यानी पति-पत्नी दोनों ही आईटीबीपी में हों) तथा बहुत सारे कर्मी इस संगठन के अंदर ही जीवनसाथी चाहते हैं क्योंकि सरकारी नियम उस दंपति को एक ही स्थान पर तैनाती की सुविधा प्रदान करते हैं।

अधिकारियों ने कहा कि यह बल पर्वतीय सीमा पर जो अपनी सेवाएं प्रदान करता है, उस कठोर ड्यूटी को ध्यान में रखते हुए साथ काम करने के ऐसे कदम से बल के अंदर कार्यरत दंपतियों को बहुत जरूरी राहत मिलती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए आईटीबीपी महानिदेशक एस एस देसवाल ने हाल ही में बल की सूचना प्रौद्योगिकी शाखा को मैट्रिमोनियल पोर्टल विकसित करने को कहा जो सेवारत दंपतियों की पृथक पोस्टिंग की समस्या को दूर करने पर काम करेगा।

अधिकारी ने बताया कि यह पोर्टल जीवनसाथी ढूंढने में मदद करेगा क्योंकि आईटी टीम किसी भी कर्मी के सेवा रिकार्ड की प्रामाणिक जानकारी अपलोड करेगी। इससे गलत सूचनाएं देने का गोरखधंधा रुकेगा। इस अनोखे पोर्ट का एक लिंक बल की वेबसाइट पर नौ दिसंबर को शुरू किया गया।

आईटीबीपी प्रवक्ता विवेक कुमार पांडेय ने कहा, ‘‘पोर्टल पर अबतक 150 पंजीकरण दर्ज कराये गये हैं। हमें उम्मीद है कि और इच्छुक पात्र कर्मी पंजीकरण करायेंगे और उन्हें यह नया ऑनलाइन सेवा उपयोगी नजर आएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इस पोर्टल का उपयोग अविवाहित, विधवा/विधुर और जीवनसाथी से अलग हो चुके कर्मियों द्वारा उपयोग किया जा सकता है।’’

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एक आंकड़े के मुताबिक केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में करीब ढाई लाख अविवाहित कर्मी हैं। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ,एसएसबी, आईटीबीपी और एनएसजी एवं एनडीआरएफ आते हैं जिनमें करीब 10 लाख कर्मी हैं। 

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