किसानों के खिलाफ चल रही ‘फर्जी खबर’ से लोहा ले रहा है आईटी पेशेवर

By भाषा | Published: December 14, 2020 07:18 PM2020-12-14T19:18:21+5:302020-12-14T19:18:21+5:30

IT professionals taking on fake news against farmers | किसानों के खिलाफ चल रही ‘फर्जी खबर’ से लोहा ले रहा है आईटी पेशेवर

किसानों के खिलाफ चल रही ‘फर्जी खबर’ से लोहा ले रहा है आईटी पेशेवर

(गौरव सैनी)

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में आईटी पेशे में कार्यरत भवजीत सिंह जब अक्टूबर में किसी निजी काम से छुट्टी लेकर भारत आये थे तो उनकी यहां लंबे समय तक रूकने की कोई कोई योजना नहीं थी। लेकिन दिसंबर में भी वह यहीं हैं और किसान आंदोलन के खिलाफ सोशल मीडिया पर चल रही फर्जी खबरों का वह ट्विटर पर डटकर मुकाबला कर रहे हैं।

सिंह मूल रूप से पंजाब के लुधियाना के निवासी हैं। वह ट्विटर हैंडल - ट्रैक्टर2ट्विटर- के जरिये अभियान चला रहे हैं और 28 नवंबर से अब तक पूरी दुनिया के 25 लाख लोग इसे देख चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं निजी काम से अक्टूबर के आखिर में भारत आया था लेकिन यह (किसान आंदोलन) शुरू हो गया और मैं यहीं रुक गया।’’

भवजीत सिंह द्वारा शुरू किए गए ट्विटर हैंडल को सोमवार शाम तक 10 हजार से अधिक फालोवर्स थे।

इस ट्विटर हैंडल से किसानों के प्रदर्शन से जुड़े वीडियो, नारे और खबरों को हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी में पोस्ट किया जाता है।

सिंह ने कहा कि प्रदर्शन संबंधी प्रमाणित सूचना प्रसारित करने का विचार उन्हें इसलिए आया क्योंकि बहुत से लोग किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए अभियान के तहत ट्वीट कर रहे थे।

सिंह के मित्र और स्वयंसेवक जसप्रीत सिंह ने कहा, ‘‘पैसे के बदले और किसी खास हित से प्रेरित यूजर्स ने ट्विटर के मंच का अतिक्रमण किया है। हमारा अभियान इसका मुकाबला करने के लिए है।’’

जसप्रीत ने कहा, ‘‘किसान ट्विटर का इस्तेमाल करना नहीं जानते हैं। हम उन्हें इससे जोड़ना चाहते हैं। हमारे पास आईटी सेल नहीं है और सभी ट्वीट ‘वास्तविक’ हैं।’’

भावजीत सिंह ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय मीडिया यह जानना चाहता है कि भारत में क्या हो रहा है तो वह फेसबुक या व्हाट्सएप पर नहीं जाता बल्कि ट्विटर पर जाकर देखता है कि क्या ट्रेंड कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब किसान विरोधी अभियान चरम पर था, तब हमने सोचा कि यह किसानों के ट्रैक्टर से ट्विटर पर जाने का सही समय है और इस तरह ‘ट्रैक्टर2ट्विटर’ का विचार आया।’’

सिंह ने बताया कि इस ट्विटर हैंडल का परिचालन पूरी दुनिया में मौजूद स्वयंसेवक करते हैं और सभी इसमें ‘एडमिनिस्ट्रेटर’ हैं।

उन्होंने दावा किया कि इस ट्विटर हैंडल पर रोजाना औसतन एक लाख ट्वीट आ रहे हैं।

सिंह ने कहा, ‘‘हमने अपनी ताकत को एकजुट किया है और ट्विटर पर हमारी मौजूदगी है। अब हम उन लोगों को कड़ी चुनौती दे रहे हैं जो आंदोलन को बदनाम करने का अभियान चला रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: IT professionals taking on fake news against farmers

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे