जीडीपी को बाइबल, रामायण और महाभारत मान लेना उचित नहीं, उज्ज्वला से जीवन बेहतर हो रहा हैः भाजपा सांसद
By भाषा | Published: December 2, 2019 08:42 PM2019-12-02T20:42:04+5:302019-12-02T20:42:36+5:30
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कार्पोरेट कर में कटौती से जुड़े संशोधन वाले ‘कराधान विधि (संशोधन) विधेयक 2019’ पर चर्चा के दौरान यह टिप्पणी की। निशिकांत दुबे ने कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को उद्धृत करते हुए कहा कि यह दौर सतत आर्थिक विकास का है और इस पैमाने पर मोदी सरकार पूरी सफलता से काम कर रही है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि जीडीपी को बाइबल, रामायण और महाभारत मान लेना उचित नहीं है।
उन्होंने कार्पोरेट कर में कटौती से जुड़े संशोधन वाले ‘कराधान विधि (संशोधन) विधेयक 2019’ पर चर्चा के दौरान यह टिप्पणी की। निशिकांत दुबे ने कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को उद्धृत करते हुए कहा कि यह दौर सतत आर्थिक विकास का है और इस पैमाने पर मोदी सरकार पूरी सफलता से काम कर रही है।
दुबे ने एक आर्थिक विशेषज्ञ के कथन का हवाला देते हुए कहा कि केवल जीडीपी को बाइबल, रामायण या महाभारत मान लेना सही नहीं है और भविष्य में इसका ज्यादा उपयोग नहीं होगा। उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी दर 5 प्रतिशत से गिरकर 4.5 प्रतिशत रह गयी है।
Nishikant Dubey, BJP MP in Lok Sabha: Aaj ki nai theory hai ki sustainable economic welfare aam aadmi ka ho raha hai ke nahi ho raha. GDP se zyada important hai ke sustainable development, happiness ho raha hai ke nahi ho raha. https://t.co/GE0LNeyLO6
— ANI (@ANI) December 2, 2019
उन्होंने कहा कि इस सरकार में आम लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। उज्ज्वला और स्वच्छ भारत मिशन तथा 2024 तक हर घर जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित करना ऐसे काम हैं जो इसे प्रमाणित करते हैं। भाजपा सांसद दुबे ने कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य एमएसएमई क्षेत्र को आगे ले जाने का है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने समय में इतने आर्थिक करार किये जिन्हें लेकर सरकार के पास अब कोई विकल्प नहीं है।