दोस्त के कारण एयरफोर्स में.. कैप्टन शुभांशु, ISRO ने चुना मेन एस्ट्रोनॉट, इंडो-यूएस मिशन के तहत भरेंगे अंतरराष्ट्रीय उड़ान, जानें
By आकाश चौरसिया | Updated: August 3, 2024 10:18 IST2024-08-03T09:48:16+5:302024-08-03T10:18:35+5:30
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने बताया कि जब वह बारहवीं में था, तो हमें बताए बिना एनडीए के लिए आवेदन कर दिया है। उसने अपने एक दोस्त से एनडीए का फॉर्म उधार लिया, जिसने बाद में अपना मन बदल लिया था। मेरा भाई सबसे अनुशासित व्यक्ति है।

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
नई दिल्ली: एयरफोर्स में शामिल ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्ण नायर को आगामी भारत-यूएस मिशन के लिए चुना गया है। इसकी पुष्टि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने की है और बताया कि दोनों अधिकारी अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के अपकमिंग भारत-अमेरिका मिशन के लिए रवाना होंगे।
फाइटर प्लने उड़ाने का अच्छा खासा अनुभव
ग्रुप कैप्टन शुक्ला एनडीए के पूर्व छात्र रहे हैं और 17 जून, 2006 में वो सेना में कमीशन हुए थे और तब उन्हें वायुसेना में नियुक्ति मिली थी। वह एक फाइटर कॉम्बैट लीडर और एक टेस्ट पायलट हैं, जिनके पास लगभग 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर, एएन-32 आदि सहित कई प्रकार के विमान उड़ाए हैं।
IAF’s Wing Commander Shubhanshu Shukla picked as 'Prime Astronaut' for Indo-US Mission to Space Station
— ANI Digital (@ani_digital) August 3, 2024
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इसरो के सूत्र ने मीडिया को बताया कि नासा को सर्विस मुहैया करवाने वाले एक्सिओम स्पेस इंक ने उनके नाम की सिफारिश की थी। दूसरी तरफ इसरो ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र ने अंतरिक्ष में उड़ान भरने के लिए एक्सिओम स्पेस इंक से समझौता किया था, जिसमें उनका यह आईएसएस पर पहुंचने का चौथा मिशन होगा और राष्ट्रीय मिशन बोर्ड ने दो गगनयात्री के तौर पर ग्रुप कैप्टन शुक्ला (मुख्य) और ग्रुप कैप्टन नायर को बैकअप अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना है।
पहले हफ्ते से ट्रेनिंग शुरू
इसरो ने कहा कि दोनों क्रू सदस्यों को अंतिम तौर पर सहमति मिल गई है कि वो अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जाएंगे और इसके लिए बहुपक्षीय क्रू संचालन पैनल ने हामी भरी है। हालांकि, दोनों गगनयात्रियों की ट्रेनिंग अगस्त 2024 के पहले हफ्ते से शुरू हो जाएगी।
दोस्त से उधार लिया एनडीए का फॉर्म
दरअसल कारगिल युद्ध के बाद ही शुभांशु ने एनडीए में शामिल होने का मन बना लिया था। शुभांशु की बड़ी बहन सुचि शुक्ला कहते हैं, ‘जब वह बारहवीं में था, तो हमें बताए बिना एनडीए के लिए आवेदन कर दिया है। उसने अपने एक दोस्त से एनडीए का फॉर्म उधार लिया, जिसने बाद में अपना मन बदल लिया था। मेरा भाई सबसे अनुशासित व्यक्ति है, जिसे मैंने कभी देखा है और हम दृढ़ता से मानते हैं कि यह कड़ी मेहनत और अनुशासन है जिसने उसे फल दिया है।'
शुभांशु को 17 जून, 2006 को इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि तब से उनका जीवन एक ‘रोलरकोस्टर राइड’ की तरह रहा है। समय के साथ, उन्होंने अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की और कम से कम 2,000 उड़ान घंटों के साथ एक फायटर कॉम्बैट लीडर और ट्रेनिंग पायलट बन गए।
शुभांशु शुक्ला..
लखनऊ के रहने वाले शुभांशु ने अलीगंज के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पढ़ाई की है। उन्हें 2006 में फाइटर पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने 2,000 से अधिक उड़ान घंटों के साथ 16 से अधिक वर्षों तक उस भूमिका को निभाया है। वह बताते हैं कि गगनयान मिशन के लिए चुना जाना एक ऐसा एहसास है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, खुद को गगनयान का हिस्सा बनने के लिए काफी खुशकीमत मानता हूं, जिसके साथ जिम्मेदारी की एक बड़ी भावना भी जुड़ी है। मैं इस मिशन को लेकर उत्साहित हूं।
शुभांशु ने 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में शामिल होने का मन बना लिया था। उनके करीबी लोगों ने उन्हें अक्सर कहते सुना है- ‘अगर कारगिल की लड़ाई न हुई होती तो शायद शुक्ला जी का लड़का डिफेंस जॉइन न करता’।