ISRO Mission: इसरो का साल का पहला मिशन लॉन्च, PSLV-C 52 की मदद से EOS-4 सहित दो सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे गए
By विनीत कुमार | Published: February 14, 2022 07:39 AM2022-02-14T07:39:18+5:302022-02-14T07:50:07+5:30
इसरो ने साल का पहला मिशन सोमवार तड़के सफलतापूर्व लॉन्च कर दिया। इसके तहत श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV-C 52 के जरिए EOS-4 सहित दो उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए।
बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2022 के पहले प्रक्षेपण अभियान के तहत PSLV-C 52 के जरिए धरती पर नजर रखने वाले सेटेलाइट EOS-4 को सोमवार तड़के सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेज दिया। इस प्रक्षेपण को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के पहले लॉन्च पैड से अंजाम दिया गया।
इसके लिए उल्टी गिनती कल ही शुरू हो गई थी। भारतीय समय के अनुसार सुबह 5.29 बजे इसे लॉन्च किया गया। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) अपने साथ दो छोटे उपग्रहों को भी ले गया है। जाएगा। इसरो का इस साल का ये पहला प्रक्षेपण है।
#WATCH | Indian Space Research Organisation launches PSLV-C52/EOS-04 from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota
— ANI (@ANI) February 14, 2022
(Source: ISRO) pic.twitter.com/g92XSaHP9r
‘रडार इमेजिंग सैटेलाइट’ है EOS-4
ईओएस-04 एक ‘रडार इमेजिंग सैटेलाइट’ है जिसे कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान तथा बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों एवं सभी मौसम स्थितियों में उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।
पीएसएलवी अपने साथ जिन दो छोटे उपग्रहों को भी ले गया है, उसमें कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर की वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला के सहयोग से तैयार किया गया भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) का उपग्रह इन्सपायरसैट-1 भी शामिल है। इसमें एनटीयू, सिंगापुर और एनसीयू, ताइवान का भी योगदान रहा है।
इस उपग्रह का उद्देश्य आयनमंडल के गति विज्ञान और सूर्य की कोरोनल ऊष्मीय प्रक्रियाओं की समझ में सुधार करना है। वहीं, दूसरा उपग्रह इसरो का एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह (आईएनएस-2टीडी) है। इसके उपकरण के रूप में एक थर्मल इमेजिंग कैमरा होने से उपग्रह भूमि की सतह के तापमान, आर्द्रभूमि या झीलों के पानी की सतह के तापमान, वनस्पतियों (फसलों और जंगल) और तापीय जड़त्व (दिन और रात) के आकलन में सहायता प्रदान करेगा।
यह पीएसएलवी की 54वीं उड़ान थी और 6 पीएसओएम-एक्सएल (स्ट्रैप-ऑन मोटर्स) के साथ ‘पीएसएलवी-एक्सएल कॉन्फिगरेशन’ का उपयोग करते हुए 23वां मिशन होगा।