भारत और इजरायल के बीच 25 वर्षों के कूटनीतिक संबंधों को नया आयाम देने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन 'बीबी' नेतन्याहू पत्नी सारा सहित अपनी छह दिवसीय यात्रा पर रविवार (14 जनवरी ) को दिल्ली पहुंच गए हैं। वे 19 जनवरी तक भारत की यात्रा पर रहेंगे। नेतन्याहू की अगवानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एयरपोर्ट पर की। इसके बाद रविवार शाम पीएम मोदी नेतन्याहू के साथ डिनर किया।
नेतन्याहू आज तीन मूर्ति चौक पर बने हाइफा मेमोरियल गए, जहां तीन मूर्ति चौक का नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा चौक किया गया। पीएम नेतन्याहू की यात्रा के दौरान दोनों देश के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती हैं। इनमें रक्षा, कृषि, जल संरक्षण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, आंतरिक सुरक्षा समेत द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे अहम हैं। वहीं, इजरायल का मानना है कि भारत के साथ उसका संबंध संयुक्त राष्ट्र में एक वोट से कहीं ज्यादा मजबूत है। 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एरियल शेरॉन की यात्रा के बाद भारत का दौरा करने वाले वह इजरायल के पहले प्रधानमंत्री होंगे। नेतन्याहू का यह दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले के विरोध में संयुक्त राष्ट्र महासभा में नई दिल्ली की ओर से वोट करने के एक महीने से भी कम समय के भीतर हो रहा है।
हालांकि, भारत में इजरायल के राजदूत डेनियल कारमॉन ने मीडिया से बातचीत में इस विषय पर किसी भी तरह की अटकलबाजी पर विराम लगाते हुए कहा कि मेरा मानना है कि संयुक्त राष्ट्र में एक वोट इधर-उधर होने से रिश्ता कहीं ज्यादा मजबूत है। कभी भारत इजरायल से आग्रह करता है तो कभी इजरायल भारत से आग्रह करता है। हम हमेशा उन आग्रहों को पूरा नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह है कि हम दो देश हैं और दोनों संयुक्त राष्ट्र के सदस्य हैं।
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पश्चिमी एशिया व उत्तर अफ्रीका) बी. बाला भास्कर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 15 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेतन्याहू द्विपक्षीय वार्ता के लिए बैठेंगे तो 'कई मसलों पर बातचीत की जाएगी'। नेतन्याहू के इस दौरे का इस अर्थ में भी विशेष महत्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल की यात्रा करने के करीब छह महीने बाद वह भारत आ रहे हैं। इजरायल का दौरा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र से आरंभ करने के बाद अब हमारे सहयोग का दायरा बड़ा हो गया है, जिसमें प्रमुख रूप से प्रौद्योगिकी सहयोग, नवाचार, अनुसंधान व विकास, विज्ञान, अंतरिक्ष आदि शामिल हैं। इस तरह यह बहुत की गुणात्मक अनुबंध है, जिसे टेक्नोलोजिकल कोलैबोरेश एंड इनोवेशन का नाम दिया गया है।