क्या सोनिया गांधी राजनीति से संन्यास लेने वाली हैं? अखिलेश प्रताप सिंह ने बताई सच्चाई
By शिवेंद्र राय | Published: February 25, 2023 09:42 PM2023-02-25T21:42:14+5:302023-02-25T21:44:06+5:30
कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन में सोनिया गांधी ने कहा था कि मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि मेरी पारी भारत जोड़ो यात्रा के साथ समाप्त हो सकती है। इसके बाद ही सोनिया गांधी के राजनीति से संन्यास लेने की चर्चा होने लगी।
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन में सोनिया गांधी ने एक बयान देकर सबको चौंका दिया। सोनिया गांधी ने तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन लगभग 15 हजार प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए अपने राजनीति से संन्यास लेने के संकेत दिए और कहा, "मनमोहन सिंह के सक्षम नेतृत्व के साथ 2004 और 2009 में हमारी जीत ने मुझे व्यक्तिगत संतुष्टि दी लेकिन मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि मेरी पारी भारत जोड़ो यात्रा के साथ समाप्त हो सकती है, जो कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था।"
सोनिया गांधी के इस बयान के बाद इस बात की चर्चा छिड़ गई कि क्या सोनिया गांधी अब राजनीति में सक्रिय भूमिका नहीं निभाएंगी? अब कांग्रेस अखिलेश प्रताप सिंह ने इस चर्चा पर जवाब दिया है और सोनिया गांधी के संन्यास लेने की खबरों को निराधार बताया है। इसके साथ ही अखिलेश प्रताप सिंह ने इस चर्चा को अफवाह बताया है।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मीडिया में अफवाह फैलाई जा रही है। कांग्रेस पार्टी के संविधान में संशोधन किया गया है ये सबसे बड़ा प्रमाण है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी के संविधान संशोधन में प्रावधान किया गया है कि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री सीडब्ल्यूसी के हिस्सा होंगे।"
अखिलेश प्रताप सिंह ने आगे कहा, "सोनिया गांधी हम लोगों की मार्गदर्शक हैं। सोनिया गांधी ने दुनिया का शीर्ष पद त्यागा है, उन्होंने जो किया वैसा कोई नहीं कर सकता, वह त्याग की मूर्ति हैं। "
बता दें कि कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी संबोधित किया। खड़गे ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा, "कोरोना के समय गंगा मां लाशों से पटी पड़ी थीं और दिल्ली में लोग अपनी पीठ थपथपा रहे थे। पीएम के दोस्त की संपत्ति 13 गुना बढ़ गई। रोज प्रचार छपवाने वाले प्रधान सेवक अपने मित्र की सेवा कर रहे हैं। आज सवाल है कि एसबीआई, एलआईसी बचेगी या उसे भी बेच देंगे! जो कुछ हमने बनाया वो बेच रहे हैं। देश में गरीबों, आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ गए हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। वोट लेने के लिए पिछड़ों की बात करते हैं, लेकिन सामाजिक रूप से पिछड़े, अल्पसंख्यकों को सत्ता के बुलडोजर से कुचला जा रहा है।"