लाइव न्यूज़ :

मैं खाकी हूं.., IPS सुकीर्ति माधव मिश्रा की कविता एक बार फिर हुई वायरल, IAS ऑफिसर ने यूं की तारीफ

By अनिल शर्मा | Updated: December 27, 2021 10:55 IST

गौरतलब है कि सुकीर्ति की कविता- मैं खाकी हूं कविता को नासिक के पुलिस कमिश्नर विश्वास नांगरे पाटिल और बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार भी अपनी आवाज दे चुके हैं।

Open in App
ठळक मुद्दे'मैं खाकी हूं' कविता लिखने वाले सुकीर्ति माधव मिश्रा 2015 बैच के आईपीएस हैंमौजूदा समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एसपी सुरक्षा के पद पर तैनात हैं

नई दिल्लीः बिहार के जमुई जिले के मलयपुर गांव से ताल्लुक रखनेवावले  आईपीएस सुकीर्ति माधव मिश्रा की कविता 'मैं खाकी हूं' सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हो रही है। माधव मिश्रा को यह उम्मीद नहीं थी कि उनकी कविता को लोग इतनी पसंद करेंगे। आईएएस ऑफिसर अवनीश शरण ने मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त विश्वास नांगरे पाटील द्वारा पढ़ी गई इस कविता का ट्विटर पर वीडियो साझा किया है। उन्होंने इसे साझा करते हुए दिल की इमोजी के साथ लिखा कि जब भी पढ़ता या सुनता हूँ, दिल रोमांच से भर जाता है। 

 सुकीर्ति माधव मिश्रा ने भी अवनीश के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए आभार जताया है। सुकीर्ति ने धन्यवाद देते हुए इस बात का खुलासा किया है कि उन्होंने ये कविता उन्होंने वर्ष 2017 में मेरठ ट्रेनिंग के दौरान अपने साथी को याद करते हुए लिखी थी। 

यहां सुनें कविता-

इसी ट्वीट पर जवाब देते हुए आईएएस अफसर शाह फैसल ने लिखा, खूबसूरती से लिखा गया और उतना ही शक्तिशाली रूप से सुनाया गया। मैं लंबे समय से इस शानदार कवि की तलाश कर रहा था और यह जानकर क्या आश्चर्य हुआ कि आप हैं। इस पर सुकीर्ति ने लिखा- सर आपका बहुत बहुत धन्यवाद। सादर। 

2015 बैच के आईपीएस सुकीर्ति माधव मिश्रा मौजूदा समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एसपी सुरक्षा के पद पर तैनात हैं। यह कविता पीएम ने भी सुनी थी और काफी तारीफ की थी। जिसके बाद यह कविता और चर्चा में आ गई।  सोशल मीडिया पर इसे खूब पसंद और शेयर किया जा रहा है।

गौरतलब है कि सुकीर्ति की कविता- मैं खाकी हूं कविता को नासिक के पुलिस कमिश्नर विश्वास नांगरे पाटिल और बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार भी अपनी आवाज दे चुके हैं।

यहां पढ़ें पूरी कविता..

मैं खाकी हूं।दिन हूं रात हूं, सांझ वाली बाती हूं, मैं खाकी हूं।आंधी में, तूफान में, होली में, रमजान में, देश के सम्मान में,अडिग कर्तव्यों की, अविचल परिपाटी हूं, मैं खाकी हूं।तैयार हूं मैं हमेशा ही, तेज धूप और बारिश, हंस के सह जाने को, सारे त्योहार सड़कों पे, भीड़ के साथ मनाने को, पत्थर और गोली भी खाने को, मैं बनी एक दूजी माटी हूं, मैं खाकी हूं।विघ्न विकट सब सह कर भी, सुशोभित सज्जित भाती हूं,मुस्काती हूं, इठलाती हूं, वर्दी का गौरव पाती हूं, मैं खाकी हूं।तम में प्रकाश हूं, कठिन वक्त में आस हूं, हर वक्त मैं तुम्हारे पास हूं, बुलाओ, मैं दौड़ी चली आती है, मैं खाकी हूं।भूख और थकान की वो बात ही क्या, कभी आहत हूं, कभी चोटिल हूं, और कभी तिरंगे में लिपटी, रोती सिसकती छाती हूं, मैं खाकी हूं।शब्द कह पाया कुछ ही, आत्मकथा में बाकी हूं, मैं खाकी हूं।

टॅग्स :Policeनरेंद्र मोदीNarendra Modi
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारत अधिक खबरें

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा