Budget 2019: किसानों और मिडल क्लास को मिल गई राहत, लेकिन 2014 में नरेन्द्र मोदी को पीएम बनाने वाले युवाओं का क्या?
By विकास कुमार | Published: February 1, 2019 03:58 PM2019-02-01T15:58:48+5:302019-02-01T16:06:58+5:30
Budget 2019: हाल ही में आये बिज़नेस स्टैण्डर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में नोटबंदी के बाद 2017-18 में बेरोजगारी दर 45 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी. लेकिन बजट में युवाओं के रोजगार के लिए कोई खाका पेश नहीं किया गया है.
केंद्र की मोदी सरकार ने अपना बजट पेश कर दिया है. आशा के मुताबिक मिडिल क्लास और देश के किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं, जो लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकती हैं. लेकिन इस बजट में मोदी सरकार ने 2014 में उनके सबसे बड़े समर्थक रहे युवाओं के लिए कोई ख़ास एलान नहीं किया है. पीयूष गोयल ने अपने भाषण में 9 बार जॉब का जिक्र किया, लेकिन एम्प्लॉयमेंट को लेकर कोई एलान नहीं किया. हाल ही में आये बिज़नेस स्टैण्डर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में नोटबंदी के बाद 2017-18 में बेरोजगारी दर 45 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी.
पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा था कि रेलवे में 4 लाख जॉब आने वाले हैं, जिसमें 1.5 लाख की बहाली प्रक्रिया पहले से ही चल रही है और इसके अलवा अगले 2 साल में और 2.5 लाख रोजगार आयेंगे. मोदी सरकार को सबसे ज्यादा आलोचना जॉब के मुद्दे पर ही झेलना पड़ा है, लेकिन सरकार के बजट में कहीं भी युवाओं के लिए कोई योजना नहीं दिख रही है. यहीं नहीं सरकार ने स्टार्टअप पर लगने वाले एंजल टैक्स को भी नहीं खत्म किया.
अन्य महत्त्वपूर्ण फैसले
किसान सम्मान निधि योजना- देश के 12 करोड़ किसानों छोटे किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर महीने सरकार 500 रुपये देगी. जिन किसानों के पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है सरकार उन्हें सालाना 6 हजार रुपये सीधे उनकें बैंक खाते में भेजेगी. सरकार की इस योजना से अर्थव्यवस्था पर हर साल 1 लाख 20 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार के इस योजना से देश के 70 प्रतिशत छोटे किसानों को राहत मिलने वाला है. ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार के इस योजना से किसानों की आत्महत्या में कमी आ सकती है.
इनकम टैक्स में छूट की सीमा 5 लाख- मोदी सरकार के बजट से इस बार मिडिल क्लास को बहुत बड़ा तोहफा मिला है. सरकार ने इनकम टैक्स की सीमा को 2.5 लाख से 5 लाख कर दिया है. सरकार के इस कदम को राजनीतिक ब्रहमास्त्र माना जा रह है. पीयूष गोयल की घोषणा के बाद विपक्ष में हताशा और यहां तक कि राहुल गांधी के चेहरे पर निराशा देखी गई. जब इसकी घोषणा की गई तो नरेन्द्र मोदी काफी देर तक मेज थपथपाते रहे. सरकार की कई योजनाएं लोकलुभावन हैं, लेकिन चुनावी साल में इसका अंदाजा पहले ही हो गया था. मोदी सरकार के इस कदम से सेंसेक्स में 400 अंकों का उछाल आया है.