Inside Story: लद्दाख में हुई करगिल वाली घटना, गड़रियों ने दी चीनी सेना से घुसपैठ की जानकारी

By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 7, 2020 04:34 PM2020-06-07T16:34:58+5:302020-06-07T16:35:25+5:30

लद्दाख में चीनी सेना के घुसपैठ के बीच 6 जून को भारत-चीन सैन्य वार्ता हुई है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक सीमाई इलाकों में स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान पर सहमत है.

inside story how chinese army entered ladakh indian territory | Inside Story: लद्दाख में हुई करगिल वाली घटना, गड़रियों ने दी चीनी सेना से घुसपैठ की जानकारी

लद्दाख सीमा पर पिछले एक महीने से भारत-चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है (लोकमत फाइल फोटो)

Highlightsएक जानकारी के अनुसार चीनी सेना के कब्जे में 50 से 60 वर्ग किमी का इलाका है। पिछले हफ्ते चीनी सेना के करीब 2 किमी पीछे हटने की खबरें भी आई थीं चीनी सेना सिर्फ एक प्वाइंट से पीछे हटी है लेकिन 5 प्वाइंट पर वह अभी भी भारतीय सीमा के अंदर है.

जम्मू: लद्दाख में चीन की सीमा पर चीनी आर्मी के घुसपैठ से एक बार फिर जूझ रही भारतीय सेना के लिए ऐसी परिस्थितियां इसलिए पैदा हुई हैं क्योंकि पाकिस्तानी सेना के बाद अब चीनी सेना भी उन मौखिक समझौतों की लाज नहीं रख रही है। इसके तहत भयानक सर्दियों में दुर्गम क्षेत्रों में खाली छोड़ी गई सीमा चौकियों व इलाकों पर कब्जा न करने का समझौता होता है। वैसे ऐसा ही धोखा भारतीय सेना करगिल युद्ध के तौर पर 1999 में पाक सेना से खा चुकी है।

लद्दाख में पैंगांग झील के फिंगर 4 और गलवान नदी के घाटी इलाके में भी भारतीय सेना को ऐसी ही परिस्थितियों से जूझना पड़ रहा है। पिछले कई सालों से भारतीय सैनिक इन इलाकों में सर्दी के कारण खाली छोड़ी गई सीमा चौकियों और इलाके पर समय पर नियंत्रण जमा लेते थे लेकिन इस बार उन्हें कोरोना ने मुसीबत में डाल दिया।

अधिकारियों के मुताबिक, मार्च के शुरू में ही चीन सीमा से सटी सर्दियों में खाली छोड़ी गई सीमा चौकियों पर पुनः नियंत्रण जमाने की मुहिम भारतीय सेना आंरभ कर देती है। लेकिन इस बार लेह स्थित 14वीं कोर ने कवायद में देरी कर दी थी। कारण स्पष्ट था। एक जवान कोरोना पॉजिटिव था तो करीब पूरी बटालियन को क्वारांटाइन कर देना पड़ा। वायरस से डर के मारे अन्य बटालियनों की जांच का कार्य आरंभ किया गया तो चीन सीमा पर सैनिकों की रवानगी में हुई। देरी का लाभ चीनी सेना ने उठा लिया।

नतीजा सामने था। कई क्षेत्रों पर अपना अधिकार जमा उन्हें विवादित घोषित करने वाली चीनी सेना ने 5 हजार से अधिक जवानों, टैंकों, तोपखानों और अन्य बख्तरबंद वाहनों के साथ पैंगांग झील तथा गलवान नदी के उन इलाकों पर कब्जा जमा लिया जिन पर पहले भी कई बार दोनों सेनाओं के बीच मौखिक झड़पें तथा पत्थरबाजी हो चुकी थी।

दरअसल लद्दाख के मोर्चे पर भी अभी तक की स्थिति यह थी कि करगिल की तरह यहां की सीमा चौकिओं को हमेशा ही खाली रखा जाता था। हालांकि करगिल युद्ध से पहले करगिल की सीमा चौकियों को पाक सेना के साथ हुए मौखिक समझौते के तहत सिर्फ सर्दियों में ही खाली किया जाता था। चीन सीमा पर ऐसा न ही कोई मौखिक समझौता चीनी सेना से था और न ही भारतीय सेना के पास ऐसा साजो सामान था कि वह 646 किमी लंबी एएलसी पर सारा साल अपने जवानों की तैनाती बरकरार रखती।

इस बार भी चीनी सैनिकों के कब्जे की खबरें उन गड़रियों ने दी थी जो अपने जानवरों के साथ ही गर्मियों की दस्तक के साथ ही चारागाहों की ओर कूच कर गए थे। नतीजतन आनन-फानन में भारतीय सेना ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए माउंटन ब्रिगेड के अतिरिक्त लद्दाख स्काउटस के जवानों को टैंको और तोपखानों के साथ कब्जे वाले क्षेत्रों मे तैनात कर दिया। 

एक जानकारी के अनुसार चीनी सेना के कब्जे में 50 से 60 वर्ग किमी का इलाका है। हालांकि पिछले हफ्ते चीनी सेना के करीब 2 किमी पीछे हटने की खबरें भी आई थीं लेकिन यह वापसी घुसपैठ के मात्र एक प्वाइंट से हुई है जबकि करीब 5 प्वाइंटों पर चीनी सेना अभी भी भारतीय क्षेत्र में कई किमी भीतर आकर डटी हुई है।

Web Title: inside story how chinese army entered ladakh indian territory

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे