सूचना एवं प्रसारण मंत्री, प्रेस क्लब ने फोटो पत्रकार सिद्दिकी की अफगानिस्तान में मौत पर शोक जताया
By भाषा | Updated: July 16, 2021 16:13 IST2021-07-16T16:13:11+5:302021-07-16T16:13:11+5:30

सूचना एवं प्रसारण मंत्री, प्रेस क्लब ने फोटो पत्रकार सिद्दिकी की अफगानिस्तान में मौत पर शोक जताया
नयी दिल्ली, 16 जुलाई केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय फोटो पत्रकार एवं पुलित्जर पुरस्कार विजेता दानिश सिद्दिकी की अफगानिस्तान में लड़ाई की कवरेज करने के दौरान मौत हो जाने पर शोक प्रकट करते हुए उनके कार्य को असाधारण बताया।
ठाकुर ने ट्वीट किया , ‘‘दानिश सिदि्दकी ने अपने पीछे एक असाधारण कार्य छोड़ा है। फोटोग्राफी के लिए उन्हें पुलिज्जर पुरस्कार मिला था और उन्हें कंधार में अफगान बलों की सुरक्षा प्राप्त थी। उनकी एक तस्वीर साझा कर रह रहा हूं। गंभीर संवेदना। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’’
सिद्दिकी अफगानिस्तान में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच लड़ाई की कवरेज करने के दौरान मारे गये।
तोलो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से कहा कि सिद्दिकी, कंधार के स्पिन बोलदाक जिले में झड़पों के दौरान मारे गये। उनकी उम्र 40 से 45 वर्ष के बीच थी।
खबर में कहा गया है कि कंधार में, खासतौर पर स्पिन बोलदाक में पिछले कुछ दिनों से भीषण लड़ाई चल रही है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी भारतीय पत्रकार के मारे जाने पर शोक जताया है।
इसने ट्वीट किया,‘‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, रॉयटर (समाचार एजेंसी) के, पुलित्जर पुरस्कार विजेता फोटो पत्रकार दानिश सिद्दिकी की कंधार में मौत हो जाने से स्तब्ध है, जहां उन्हें तालिबान की गोलियां लगी।
सिद्दीकी मुंबई में रहा करते थे। उन्हें रॉयटर के फोटोग्राफी स्टाफ के सदस्य के तौर पर पुलित्जर पुरस्कार मिला था। उन्होंने दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया से अर्थशास्त्र में स्नातक किया था और 2007 में जामिया के एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर से जनसंचार का अध्ययन किया था। वह 2010 में रॉयटर से जुड़े थे।
उन्होंने अपने करियर की शुरूआत संवाददाता के तौर पर की थी, जिसके बाद वह फोटो पत्रकारिता में चले गये और 2010 में इंटर्न के तौर पर रॉयटर में शामिल हुए।
भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुनदाजे ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘बीती रात (बृहस्पतिवार) कंधार में मेरे मित्र दानिश सिद्दीकी के मारे जाने की खबर सुनकर बहुत दुख पहुंचा। पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय पत्रकार अफगान सुरक्षा बलों के साथ वहां पर थे।’’
मामुनदाजे ने कहा, ‘‘दो हफ्ते पहले उनके काबुल के लिए प्रस्थान करने से पहले मेरी उनसे मुलाकात हुई थी। उनके परिवार एवं रॉयटर के प्रति संवदेनाएं।
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