इंदौर: निर्यात के लिए तैयार रेमडेसिविर की कालाबाजारी, मेडिकल स्टोर संचालक समेत तीन धरे गए
By भाषा | Published: April 15, 2021 10:28 PM2021-04-15T22:28:49+5:302021-04-15T22:28:49+5:30
इंदौर (मप्र), 15 अप्रैल पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर दवा की कथित कालाबाजारी में यहां बृहस्पतिवार को मेडिकल स्टोर संचालक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
इन आरोपियों को ऐसे वक्त पकड़ा गया, जब राज्य भर में रेमडेसिविर की भारी किल्लत है और मरीजों के परेशान परिजन इसकी कालाबाजारी की लगातार शिकायतें कर रहे हैं।
एसटीएफ की इंदौर इकाई के पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर जाल बिछाकर पकड़े गए आरोपियों की पहचान राजेश पाटीदार, ज्ञानेश्वर बारस्कर और अनुराग सिंह सिसोदिया के रूप में हुई है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों के कब्जे से रेमडेसिविर की दो अलग-अलग ब्रांड की 12 शीशियां बरामद की गई हैं। शीशियों के पैकेट पर छपा है कि इनका उत्पादन "केवल निर्यात के लिए" किया गया है।
खत्री ने बताया, "इन शीशियों पर रेमडेसिविर दवा का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) नहीं छपा है। लेकिन आरोपी इसकी एक शीशी को 20,000 रुपये में बेचने की कोशिश कर रहे थे।"
उन्होंने बताया कि आरोपियों में शामिल सिसोदिया यहां मेडिकल स्टोर चलाता है, जबकि पाटीदार पेशे से मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है।
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपियों ने इंदौर के अलावा पड़ोसी धार जिले में भी रेमडेसिविर की शीशियां ऊंचे दामों पर बेची हैं। मामले में एसटीएफ की विस्तृत जांच जारी है।
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