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कर्नाटक में बंद को मिली उदासीन प्रतिक्रिया

By भाषा | Updated: December 5, 2020 20:22 IST

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बेंगलुरु, पांच दिसंबर कर्नाटक में मराठा समुदाय के लिए एक निगम गठित करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ कन्नड़ समर्थित समूहों द्वारा आहूत बंद को शनिवार को उदासीन प्रतिक्रिया मिली। बंद का जनजीवन पर कोई खास असर नहीं पड़ा।

शहर के केआर पुरम और चांदपुरा इलाकों में बसों पर पथराव की कुछ छुटपुट घटनाओं को छोड़कर, कुल मिलाकर शांति रही।

ऑटो रिक्शा, कैब, सार्वजनिक परिवहन सेवाएं तथा मेट्रो सेवा सामान्य रूप से ही की तरह उपलब्ध थीं तथा होटल एवं किराना दुकानें खुली थीं।

शहर के अलग अलग हिस्सों में यातायात की आवाजाही कुल मिलाकर सामान्य रही और ऐसी ही रिपोर्टें राज्य के विभिन्न हिस्सों से भी मिलीं।

शहर के टाउन हॉल के निकट प्रदर्शन करने के लिए एकत्रित हुए कन्नड़ संगठनों के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, गदग, कोप्पा, हासन, रामनगर, चित्रदुर्गा, दावणगेरे, बागलकोटे समेत अन्य जिलों में भी प्रदर्शन हुए।

कन्नड़ समूह चलुवली वतल पक्ष के वतल नागराज के साथ कन्नड़ गठबंधन के अन्य नेताओं को टाउन हॉल के पास हिरासत में ले लिया गया जबकि कर्नाटक रक्षना वेदिके के प्रमुख नारायण गौड़ा और उनके संगठन के अन्य लोगों को तब हिरासत में लिया गया जब वे मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे।

पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए थे ताकि शहर में कोई अप्रिय घटना न घटे।

मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

हालांकि मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए बेलगावी में हैं।

नागराज ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए दावा किया कि विरोध और बंद को विफल करने के लिए 25,000-30,000 कन्नड़ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है लेकिन येदियुरप्पा के इस्तीफा देने और निगम गठित करने का आदेश वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा।

उन्होंने "जेल भरो" प्रदर्शन करने की भी धमकी दी और कहा कि इस संबंध में नौ दिसंबर को बैठक बुलाई गई है।

नागराज ने कहा, " येदियुरप्पा धोखेबाज हैं। उन्होंने कन्नड़ एवं कन्नाडिगाओं को ठगा है... वह हिटलर की तरह बर्ताव कर रहे हैं और कन्नड़ कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं। "

उन्होंने कांग्रेस और जद(एस) नेताओं की चुप्पी पर भी सवाल किया।

येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कन्नड़ समर्थक समूहों से बंद नहीं करने की अपील की थी और कहा था कि कन्नड़ लोग उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं।

उन्होंने पहले स्पष्ट किया था कि मराठा विकास निगम गठित करने के फैसले का मराठी भाषा से कोई संबंध नहीं है और यह राज्य में रहने वाले मराठा समुदाय के लिए है।

राज्य के गृह मंत्री बसवराज बोम्माई ने कहा कि जैसा कि उम्मीद थी, राज्य के लोगों ने बंद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और बेंगलुरू एवं पूरे राज्य में जन जीवन सामान्य रहा तथा दफ्तर खुले और निजी व सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियां चलीं।

उन्होंने कहा, " चीजे शांतिपूर्ण रही। कुछ स्थानों पर टायर जलाने, बंद को जबरन लागू कराने, बसों पर पथराव करने जैसी छुटपुट घटनाएं हुईं। इस पर पुलिस ने कार्रवाई की है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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