नई दिल्ली:'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति जारी है। इस बीच शीर्ष सरकारी सूत्रों ने शनिवार को एएनआई को बताया कि भारत ने निर्णय लिया है कि भविष्य में किसी भी आतंकवादी कार्रवाई को भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और उसी के अनुसार जवाब दिया जाएगा। इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में अपने आवास पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) और भारतीय सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ बैठक की अध्यक्षता की।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष: अब तक का घटनाक्रम
यह बैठक शनिवार की सुबह पाकिस्तान के चार एयरबेसों पर भारत द्वारा किए गए हमलों के बाद हुई, जो पाकिस्तान द्वारा 26 भारतीय ठिकानों पर किए गए हमले के जवाब में किया गया था, जिसकी पुष्टि सरकार ने शनिवार सुबह मीडिया ब्रीफिंग के दौरान की।
भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने ब्रीफिंग के दौरान बताया कि रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनियान में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों के साथ-साथ पसरूर और सियालकोट विमानन ठिकानों पर भारतीय लड़ाकू विमानों से हवा में दागे जाने वाले हथियारों का इस्तेमाल कर सटीक हमले किए गए।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई को “बढ़ावा देने वाली” और “उकसाने वाली” प्रकृति के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की कार्रवाई उकसावे और उकसावे वाली थी। जवाब में भारत ने जिम्मेदारी और संयमित तरीके से बचाव और प्रतिक्रिया की।”
हमलों की तीव्रता के बावजूद, भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक जवाबी कार्रवाई की, हालांकि उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर, भुज और बठिंडा के एयरबेस को नुकसान पहुंचा और कर्मियों को चोटें आईं।
ब्रीफिंग के दौरान मीडिया को बताया गया कि पाकिस्तान द्वारा पंजाब के एयरबेस स्टेशन को निशाना बनाने के लिए रात 1:40 बजे हाई-स्पीड मिसाइलों का इस्तेमाल और श्रीनगर, अवंतीपोरा और उधमपुर के एयरबेस में अस्पतालों और स्कूलों को गैर-पेशेवर तरीके से निशाना बनाने की विशेष रूप से निंदा की गई। शनिवार को पाकिस्तान की सीमा से सटे कई स्थानों से भारी गोलाबारी और सीमा पार से गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं।