चीन सीमा के नजदीक रणनीतिक हॉट स्प्रिंग्स तक घूमने जा सकेंगे भारतीय पर्यटक, जल्द मिलेगी अनुमति
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 26, 2023 03:37 PM2023-05-26T15:37:45+5:302023-05-26T15:39:16+5:30
भारतीय पर्यटक जल्द ही पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तर में गश्त बिंदुओं के करीब रणनीतिक चांग चेनमो सेक्टर में घूमने जा सकेंगे। चीन के साथ सीमा गतिरोध अब अपने चौथे वर्ष में है लेकिन इसी बीच ये खबर आई है कि उन स्थानों तक भी जहां पहले नागरिकों का जाना वर्जित था, अब पर्यटकों को जाने की अनुमति मिलने वाली है।

चीन सीमा के नजदीक रणनीतिक हॉट स्प्रिंग्स तक घूमने जा सकेंगे भारतीय पर्यटक
नई दिल्ली: लद्दाख एक ऐसी जगह हैं जहां पर्यटन का शौक रखने वाला हर भारतीय एक बार जरूर जाना चाहता है। लेकिन सीमा पर चीन के साथ तनाव और कम विकसित बुनियादे ढांचे के कारण पर्यटक चीन सीमा के नजदीक स्थित रणनीतिक महत्व वाली जगहों तक नहीं जा पाते थे। लेकिन अब लद्दाख घूमने का शौक रखने वाले लोगों के लिए एक खुशखबरी है।
भारतीय पर्यटक जल्द ही पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तर में गश्त बिंदुओं के करीब रणनीतिक चांग चेनमो सेक्टर में घूमने जा सकेंगे। चीन के साथ सीमा गतिरोध अब अपने चौथे वर्ष में है लेकिन इसी बीच ये खबर आई है कि उन स्थानों तक भी जहां पहले नागरिकों का जाना वर्जित था, अब पर्यटकों को जाने की अनुमति मिलने वाली है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ये अनुमति दो चरणों में दी जाएगी। पहले चरण में पर्यटकों को 18,314 फीट ऊंचे मर्सिमिक ला (पास) से त्सोगत्सालो तक जाने की अनुमति दी जाएगी। ये जगह रिमडी चू और चांग चेनमो नदियों के संगम के पास एक चरागाह है, जो लेह से लगभग 160 किलोमीटर पूर्व में है। ये जगह पैंगोंग के उत्तर में चीन के साथ एलएसी के बेहद नजदीक है।
दूसरे चरण में, पर्यटकों को त्सोगत्सालु से आगे हॉट स्प्रिंग्स तक यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी। यहां 21 अक्टूबर, 1959 को मारे गए 10 सीआरपीएफ जवानों के सम्मान में बनाए गए स्मारक को पर्यटक देख सकेंगे। सेना मुख्यालय ने भी कहा है कि भारतीय सेना ने हॉट स्प्रिंग और त्सोग्त्सलो जैसे अन्य स्थानों के अलावा मार्सिमिक ला सहित कई ट्रेक और मार्गों को खोलने का समर्थन किया है।
बता दें कि लंबे समय से जारी तनाव के बीच आम नागरिकों को सीमा के अंतिम बिंदु तक जाने की अनुमति देने के साहसिक फैसले के पीछे भी रणनीतिक कारण हैं। भारत सरकार और सेना चाहती है कि सीमा के अंतिम बिंदुओं तक आम नागरिकों की पहुंच को आसान बनाया जाए और ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां आएं।