भारतीय सैनिक का ध्यान गिनीज रिकॉर्ड पर: 4,300 किलोमीटर लंबी दूरी की दौड़ शुरू की
By भाषा | Published: April 3, 2021 08:31 PM2021-04-03T20:31:37+5:302021-04-03T20:31:37+5:30
जम्मू, तीन अप्रैल भारतीय सेना के जवान नाइक वेलू पी ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक 4,300 किलोमीटर लंबी दूरी की दौड़ शुरू की है।
वेलू अपना 30वां जन्मदिन बेहद यादगार बनाने के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा दौड़कर पूरी करने के लिए निकल चुके हैं और उनका मकसद इस दौड़ के साथ अपना नाम ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में शामिल करने का है। वह 50 दिन के भीतर 4,300 किमी की दूरी तय करेंगे।
पिछले साल जून में वेलू पहले ऐसे भारतीय अल्ट्रा-रनर बने थे जिन्होंने 1,600 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 17 दिन में तय की थी। उनकी यह उपलब्धि एशियाई रिकॉर्ड में शामिल होने की प्रक्रिया में है। अल्ट्रा-रनर उसे कहा जाता है, जो पारंपरिक मैराथन से ज्यादा किलोमीटर की दूरी दौड़ते हैं।
उधमपुर में सेना के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) लेफ्टिनेंट कर्नल अभिनव नवनीत ने बताया, ‘‘ वेलू 60 पारा फील्ड हॉस्पिटल में नर्सिंग असिस्टेंट हैं और वह कश्मीर से कन्याकुमारी के बीच 4,300 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 50 दिन में पूरा करके गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का प्रयास कर रहे हैं।’’
उन्होंने बताया कि वेलू ने यह बड़ी यात्रा शुक्रवार को श्रीनगर के 92 बेस अस्पताल से शुरू की।
उनका जन्मदिन 21 अप्रैल को है। यहां शुरुआती पांच किलोमीटर तक उनका जोश बढ़ाने के लिए लोगों ने हाथ में तिरंगा लेकर उनके साथ दौड़ लगाई।
लेफ्टिनेंट कर्नल ने कहा, ‘‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक इस बड़ी दूरी को सिर्फ 50 दिनों में तय करने के लिए वेलू रोजाना 70-100 किलोमीटर तक दौड़ेंगे और कई बड़े राज्यों, शहरों और कस्बों से होकर गुजरेंगे।’’
अपने शुरुआती बिंदू से 200 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद नाइक शनिवार को उधमपुर मुख्यालय से सुबह सात बजे निकले और दोपहर में जम्मू में ब्रिगेडियर के जे सिंह ने 166 मिलिट्री अस्पताल के सभी कर्मियों और कमांडेंट के साथ भव्य स्वागत किया।
जम्मू के जन संपर्क अधिकारी (रक्षा) लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया कि वह ‘क्लीन इंडिया-ग्रीन इंडिया’ के संदेश के साथ यात्रा कर रहे हैं और युवाओं को ‘फिट इंडिया’ का संदेश दे रहे हैं।
इसके बाद ब्रिगेडियर सिंह ने साम्बा जिले और आगे की यात्रा के लिए उन्हें हरी झंडी दिखाई।
वेलू का जन्म तमिलनाडु के कृष्णागिरि में 21 अप्रैल, 1991 में हुआ। वह 13 साल की उम्र में भी खेलकूद में राज्य का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और 2011 में सेना में शामिल हो गए। सेना में उनकी पहली उपलब्धि 2012 में 12.5 किलोमीटर क्रॉस कंट्री दौड़ में स्वर्ण पदक जीतना था। क्रॉस कंट्री दौड़ में धावक को खुले में प्राकृतिक स्थलों में दौड़ना होता है।
वहीं इसके बाद उनका ध्यान अल्ट्रा-मैराथन की ओर गया और इसमें भी उन्होंने सेना के लिए कई पदक जीते हैं।
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