Indian Railways News Alert: भारतीय रेल ने अपने परिचालन को कोरोना वायरस के चलते लागू किए गए लॉकडाउन से पहले की स्थिति में लाने की कवायद तेज कर दी है.
रेल अधिकारियों की मानें तो रेलवे बोर्ड को तमाम रेल मंडलों से प्रस्ताव भेजकर कोरोनाकाल के पूर्व चलने वाली प्राय: सभी ट्रेनों को चलाने की अनुमति मांगी गई है. संभव है कि इस महीने के आखिर या मार्च के शुरू में पहले चलने वाली सभी एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें एक बार फिर अपनी समय सारिणी के अनुसार चलनी शुरू हो जाएंगी.
भारतीय रेलः पहले की तरह ही सामान्य किराया लगेगा
इनमें पहले की तरह ही सामान्य किराया लगेगा. रांची रेल मंडल के डीआरएम नीरज अंबष्ट और पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी के मुताबिक मेमू और डेमू ट्रेंनों का परिचालन शुरू किया गया है. कुछ नियमित ट्रेनें भी स्पेशल ट्रेनों के साथ शुरू की गई है. कोरोना संक्र मण अब कमजोर पड़ गया है. ऐसे में यात्रियों की जरूरतों के हिसाब से उनकी परेशानियां कम की जा रही हैं.
सभी एक्सप्रेस-पैसेंजर ट्रेनें चलने लगेंगी
रेलवे के स्तर से जल्द ही पहले की तरह सभी ट्रेनें पटरी पर लौट आएंगी. इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. इससे पहले रेलवे ने लगेज, फूडिंग आदि की व्यवस्था शुरू कर दी है. पूर्व मध्य रेलवे के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि रेलवे बोर्ड के स्तर पर सभी ट्रेनों को चलाने का प्रस्ताव भेजा गया है. रेलवे बोर्ड की ओर से आदेश मिलते ही सभी एक्सप्रेस-पैसेंजर ट्रेनें चलने लगेंगी.
नेपाल के लिए रेल का सपना जल्द होगा पूरा: पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने बताया कि रेलवे की ओर से शीघ्र ही पटना से सीतामढ़ी होते हुए जनकपुर तक सीधी रेल सेवा शुरू की जाएगी. जनकपुर तक लगभग रेललाइन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. जब तक निर्माण कार्य पूरा होगा तब तक ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा.
पटना मेन लाइन सीधे नेपाल से जुड़ जाएगी
इससे पटना मेन लाइन सीधे नेपाल से जुड़ जाएगी. रेलवे बोर्ड से रक्सौल से काठमांडू रेलखंड के सर्वे के लिए भी बजट में विशेष व्यवस्था की गई है. मध्य रेलवे ने भी बोर्ड को दी जानकारी इस खबर की पुष्टि करते हुए मध्य रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने 'लोकमत समाचार' को बताया कि आगामी दिनों में नियमित ट्रेनें चलाने को लेकर रेलवे बोर्ड द्वारा मांगी जा रही जानकारी जोन की ओर से दी जा रही है.
मध्य रेलवे जोन के नागपुर, मुंबई, सोलापुर, पुणे और भुसावल मंडल में कोरोना महामारी के पूर्व तक औसतन 400 यात्री ट्रेनें चलती थीं. वर्तमान में इनमें से 60% यानी औसतन 250 ट्रेनें चलाई जा रही हैं. जोन में पूरी क्षमता से ट्रेनों को चलाने का निर्णय रेलवे बोर्ड द्वारा ही लिया जाएगा.
जनवरी में रेलवे ने की माल की रिकॉर्ड ढुलाई
भारतीय रेलवे ने जनवरी 2021 में 11.979 करोड़ टन माल ढुलाई की। यह अब तक किसी एक महीने माल ढुलाई का सर्वाधिक आंकड़ा है। इससे पहले रेलवे ने मार्च 2019 में 11.974 करोड़ टन माल की ढुलाई का रिकॉर्ड बनाया था। रेल मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पिछले कुछ महीनों से भारतीय रेलवे की माल ढुलाई के आंकड़े साल भर पहले के समान महीने के आंकड़े को पार कर रहे हैं। ऐसे में इस साल की कुल ढुलाई पिछले साल से अधिक रहने की संभावना है।
आठ फरवरी तक के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय रेलवे ने 3.054 करोड़ टन माल ढुलाई की, जिसमें 1.361 करोड़ टन कोयला, 41.5 लाख टन लौह अयस्क, 10.4 लाख टन खाद्यान्न, 10.3 लाख टन उर्वरक, 9.6 लाख टन खनिज तेल और 19.7 लाख टन सीमेंट (क्लिंकर छोड़कर) शामिल है। बयान में कहा गया, ‘‘ उल्लेखनीय है कि रेलवे की माल ढुलाई को आकर्षक बनाने के लिये कई रियायतें और छूटें दी जा रही हैं। कोविड-19 महामारी का उपयोग भारतीय रेलवे द्वारा अपनी सर्वांगीण क्षमता और प्रदर्शन में सुधार करने के अवसर के रूप में किया गया है। इसके अलावा, नये व्यवसाय को आकर्षित करने और अन्य मौजूदा ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिये रेल मंत्रालय ने लोहा और इस्पात, सीमेंट, बिजली, कोयला, ऑटोमोबाइल और रसद सेवा प्रदाताओं के साथ बैठकें की हैं।’’