कोयला लदी माल गाड़ियों को रास्ता देने के लिए रोकी गई कई पैसेंजर ट्रेनें, बिजली संकट से निपटने के लिए उठाया बड़ा कदम

By मनाली रस्तोगी | Published: April 29, 2022 12:58 PM2022-04-29T12:58:49+5:302022-04-29T13:14:46+5:30

देशभर के कई हिस्सों में कोयले की मांग को समय पर पूरा करने के लिए रेलवे ने कुछ पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि कोयला ले जाने वाली माल गाड़ियां समय पर निर्धारित स्टेशनों पर पहुंच सकें।

Indian Railway Cancelled Passenger Trains For Movement Of Coal Amid India Power Crisis | कोयला लदी माल गाड़ियों को रास्ता देने के लिए रोकी गई कई पैसेंजर ट्रेनें, बिजली संकट से निपटने के लिए उठाया बड़ा कदम

कोयला लदी माल गाड़ियों को रास्ता देने के लिए रोकी गई कई पैसेंजर ट्रेनें, बिजली संकट से निपटने के लिए उठाया बड़ा कदम

Highlightsकोयले की मांग बिजली उत्पादन संयंत्रों में भी बढ़ गई है।देश की बिजली का लगभग 70 फीसदी उत्पादन ताप विद्युत केंद्रों से ही होता है।

नई दिल्ली: देश में कोयले की किल्लत के कारण बिजली संकट गहराता जा रहा है। इस बीच ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार रेलवे ने कोयले की गाड़ियों को तेज आवाजाही की अनुमति देने के लिए कुछ पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि कोयला ले जाने वाली माल गाड़ियां समय पर निर्धारित स्टेशनों पर पहुंच सकें। दरअसल, चिलचिलाती गर्मी के बीच देश में बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। 

ऐसे में कोयले की मांग बिजली उत्पादन संयंत्रों में भी बढ़ गई है। मगर सप्लाई मांग के अनुरूप नहीं हो पा रही है। देश की बिजली का लगभग 70 फीसदी उत्पादन ताप विद्युत केंद्रों से ही होता है। देश के कई हिस्सों को कोयला संकट के कारण लंबे समय से ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा है, जबकि ईंधन की कमी की वजह से कुछ उद्योग उत्पादन में कटौती कर रहे हैं। महामारी से उपजी मंदी से इस संकट के कारण अर्थव्यवस्था के विकास में खतरा पैदा हो सकता है। ऐसे में महंगाई आने वाले समय में और बढ़ सकती है। 

वहीं, भारतीय रेलवे के कार्यकारी निदेशक गौरव कृष्ण बंसल का कहना है कि पैसेंजर ट्रेनों को कैंसिल करने का उपाय अस्थायी है और स्थिति सामान्य होते ही यात्री सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी। ये कदम बिजली संयंत्रों तक कोयले की ढुलाई में लगने वाले समय को कम करने के लिए उठाया गया है। बता दें कि भारतीय रेलवे को अक्सर कोयले की आपूर्ति में व्यवधान के लिए दोषी ठहराया जाता है क्योंकि गाड़ियों की कमी के कारण ईंधन को लंबी दूरी तक ले जाना मुश्किल हो जाता है। 

देर होने के दो कारण हैं। पहले तो भीड़भाड़ वाले मार्ग जहां पैसेंजर ट्रेनें और माल गाड़ियां को सिग्नल के लोए इंतजार कर पड़ता है। वहीं दूसरी ओर कभी-कभी शिपमेंट में देरी होती है। फिर भी रेलवे कोयले के परिवहन के लिए एक पसंदीदा विकल्प बना हुआ है, विशेष रूप से खदानों से दूर स्थित उपयोगकर्ताओं के लिए। रेलवे की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपने बेड़े में एक लाख और वैगन जोड़ने की योजना है। यह माल को तेजी से पहुंचाने के लिए समर्पित फ्रेट कॉरिडोर भी बना रहा है।

इस महीने की शुरुआत से भारत के बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार में लगभग 17 फीसदी की गिरावट आई है और यह आवश्यक स्तरों का मुश्किल से एक तिहाई है। पिछले शरद ऋतु में बिजली संकट के एक गंभीर संकट के कुछ ही महीनों बाद आपूर्ति की कमी आती है, जिसमें कई राज्यों में कोयले के भंडार में औसतन चार दिनों की गिरावट देखी गई। इससे कई राज्यों में बिजली गुल हो गई।

Web Title: Indian Railway Cancelled Passenger Trains For Movement Of Coal Amid India Power Crisis

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