श्रीलंका ने चीन को दिया झटका, जाफना के 3 द्वीपों पर हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट्स लगाएगा भारत
By विशाल कुमार | Published: March 29, 2022 03:12 PM2022-03-29T15:12:20+5:302022-03-29T15:15:10+5:30
श्रीलंका की हालिया यात्रा के दौरान बीते सोमवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके श्रीलंकाई समकक्ष जीएल पेइरिस के बीच जिन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए उनमें ये तीनों परियोजनाएं भी शामिल थीं।
कोलंबो: पिछले साल श्रीलंका ने जाफना से जुड़े तीन द्वीपों पर जिन चीनी परियोजनाओं को मंजूरी दी थी अब उनकी जगह वहां पर भारत अपने हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट्स लगाएगा।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका की हालिया यात्रा के दौरान बीते सोमवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके श्रीलंकाई समकक्ष जीएल पेइरिस के बीच जिन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए उनमें ये तीनों परियोजनाएं भी शामिल थीं।
पूर्वी सम्पुर शहर में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के सौर उद्यम और उत्तर में मन्नार और पूनरिन में अडाणी समूह की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए हालिया समझौतों के बाद, यह श्रीलंका के उत्तर और पूर्व में आने वाली तीसरी भारतीय ऊर्जा परियोजना है।
जनवरी 2021 में श्रीलंका के मंत्रिमंडल ने एशिया विकास बैंक-समर्थित प्रतिस्पर्धी बोली के बाद नैनातिवु, डेल्फ़्ट या नेदुन्थीवु और एनालाइटिवू द्वीपों में अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं लगाने की जिम्मेदारी चीनी कंपनी सिनोसोअर-एटेकविन को देने का फैसला किया था।
भारत ने तमिलनाडु से मुश्किल से 50 किमी दूर पाक खाड़ी में आने वाली चीनी परियोजना पर श्रीलंकाई पक्ष से चिंता जाहिर की थी। भारत ने उसी परियोजना को कर्ज के बजाय अनुदान देकर पूरा करने की पेशकश की। एक साल तक पशोपेश में रहने के बाद आखिरकार श्रीलंका चीन से उन परियोजनाओं को वापस ले लिया।