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मुंबई के एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान, संस्कृति एवं योग केंद्र की स्थापना, जानें इस बारे में

By अनुभा जैन | Updated: September 21, 2022 15:01 IST

एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय, मुंबई में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के निर्देशानुसार भारतीय ज्ञान, संस्कृति, भारतीय भाषाओं एवं योग के उत्थान के लिए भारतीय ज्ञान, संस्कृति एवं योग केंद्र की स्थापना की गई है।

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मुंबई: ‘भारतीय ज्ञान की परंपरा सनातन है, और वह अंग्रेजी के ट्रेडीशन का अनुवाद नहीं है। ज्ञान की यह भारतीय परंपरा चिरंतन, शाश्वत और हमेशा वर्तमान रहती है। इसलिए हमें इस परंपरा का साक्षात्कार करना है, इसे पहचानना है, आज की परिस्थितियों में इसका उपयोग करना है। इस केंद्र  की स्थापना का उद्देश्य भी यही है।’ यह कहना था भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर का जो एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय, मुंबई में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के निर्देशानुसार भारतीय ज्ञान, संस्कृति, भारतीय भाषाओं एवं योग के उत्थान के लिए भारतीय ज्ञान, संस्कृति एवं योग केंद्र के स्थापना व उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए अमेजिंग नमस्ते फाउंडेशन के निदेशक अतुल कुलकर्णी ने कहा कि हमें भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुसार संपूर्ण देश का सर्वांगीण विकास करना होगा। उन्होंने पूर्वाेत्तर भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्वाेत्तर राज्यों में आज कई स्तरों पर विकास हो रहा है। 

अतुल कुलकर्णी पूर्वोत्तर राज्यों में विगत 32 वर्षों से समाज के उत्थान के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं- चाहे वह खेल हो, संस्कृति हो, सिनेमा हो, साहित्य हो, समाज सेवा हो, अथवा शिक्षा। हर क्षेत्र में भारतीय परंपरा के अनुसार बुनियादी परिवर्तन होने शुरू हो गए हैं जिनका थोड़ा सा प्रभाव खेल के क्षेत्र में पिछले कुछ सालों में देखा जा सकता है।

कार्यक्रम में अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर उज्वला चक्रदेव ने कहा कि यह केंद्र देश का तीसरा और महाराष्ट्र तथा पश्चिम भारत का पहला ऐसा केंद्र है, जिसकी स्थापना भारतीय ज्ञान परंपरा, साहित्य, भाषाओं, मूल्यों तथा संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए की गई है। 

ज्ञात हो कि इस तरह के दो केंद्र आईआईटी कानपुर तथा आईआईटी खड़कपुर में  स्थापित हुए हैं. डॉक्टर चक्र देव ने कहा कि इस केंद्र की स्थापना का उद्देश्य यही है कि हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० के अनुसार भारतीय मूल्यों की स्थापना तथा परंपरा को आधुनिकता से जोड़कर शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों तथा नए संसाधनों का उन्मेष करें।

एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष तथा भारतीय ज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि कुलपति महोदय की प्रेरणा से यह केंद्र शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देगा तथा अंतरराष्ट्रीय व् राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों तथा संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन तथा सहयोग करके शोध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति करेगा।  

इस अवसर पर इंडियन डाक्यूमेंट्री प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के सचिव संस्कार देसाई तथा कोषाध्यक्ष रवींद्र कात्यायन तथा कार्यकारी समिति के सदस्य श्रीहरि कुलकर्णी, बिपिन चौबल, जगदीश निषाद और प्रसिद्ध अभिनेता दिलीप आर्य,  पत्रकार एवं लेखक विनोद सिंह आदि भी उपस्थित थे. कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. वन्दना शर्मा ने अतिथियों का धन्यवाद दिया। संस्कृत विभाग की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा वातावरण को अत्यंत सुन्दर बना दिया।

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