सीमा विवाद को सुलझाने के लिए चीन को 17वें दौर की वार्ता का न्योता देने जा रही है भारतीय सेना

By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 25, 2022 06:51 PM2022-08-25T18:51:50+5:302022-08-25T18:54:04+5:30

भारतीय सेना 17वें दौर की बातचीत की खातिर चीनी सेना को न्योता देने जा रही है जिसमें सबसे प्रमुख विवादित स्थान हाट स्प्रिंगस पर ही बातचीत की जानी है।

Indian Army to invite China for the 17th round of talks to resolve the border dispute | सीमा विवाद को सुलझाने के लिए चीन को 17वें दौर की वार्ता का न्योता देने जा रही है भारतीय सेना

सीमा विवाद को सुलझाने के लिए चीन को 17वें दौर की वार्ता का न्योता देने जा रही है भारतीय सेना

Highlights 3 साल से फौजियों की तैनाती को बनाए रखना दोनों मुल्कों की सेनाओं को पड़ रहा है भारीदोनों मुल्कों के बीच 17वें दौर की वार्ता में सबसे प्रमुख विवादित स्थान हाट स्प्रिंगस पर होगी बातचीतएलएसी पर दोनों सेनाओं के बीच सबसे कठिन और प्रमुख विवादित क्षेत्र हाट स्प्रिंग्स है

जम्मू: भारतीय सेना चाहती है कि लद्दाख सीमा पर तीन साल पहले शुरू हुए चीनी कब्जे की तीसरी सर्दी की शुरूआत से पहले ही वह चीन से सटी एलएसी के विवादित क्षेत्रों से अपने सैनिकों को हटा ले क्योंकि तीन साल से फौजियों की तैनाती को बनाए रखना दोनों मुल्कों की सेनाओं को भारी पड़ रही है। 

इसी इरादे से भारतीय सेना 17वें दौर की बातचीत की खातिर चीनी सेना को न्योता देने जा रही है जिसमें सबसे प्रमुख विवादित स्थान हाट स्प्रिंगस पर ही बातचीत की जानी है। सेनाधिकारी इसे मानते हैं कि एलएसी पर अब दोनों सेनाओं के बीच सबसे कठिन और प्रमुख विवादित क्षेत्र हाट स्प्रिंग्स है। हालांकि उनका दावा था कि मई 2020 के बने गतिरोध वाले स्थानों में से अधिकांश का भारत और चीन समाधान कर चुके हैं, जिनमें पैंगोंग झील, गलवान घाटी और गोगरा हाइट्स शामिल हैं। 

दरअसल हाट स्प्रिंग्स का विवाद वर्ष 2020 का नहीं है बल्कि कई सालों का है। इस इलाके में चीनी सेना की मौजूदगी के कारण भारतीय सेना को अपने ही कई इलाकों में गश्त करने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। याद रहे वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन ने कई इलाकों में घुसपैठ की थी, लेकिन भारत ने तेजी से कड़ी कार्रवाई करते हुए उसके मूवमेंट को रोक दिया था। 

सैनिकों को पीछे हटाने के बावजूद दोनों ओर से ऊंचाई वाले स्थानों पर डेढ़ से 2 लाख से अधिक सैनिक तैनात हैं। इसकी वजह यह है कि भारतीय सेना को चीनी सेना के इरादों पर कतई भरोसा नहीं है और वह चीनी सेना की हर गतिविधि पर करीब से नजर रख रही है। 

दावानुसार, पिछले दौर की वार्ता के फलस्वरूप गोगरा हाइट्स इलाके से सैनिकों को पीछे हटाया गया था। इससे पहले पिछले साल फरवरी में दोनों देशों ने पैंगांग झील के किनारों से अपनी सेनाओं को पीछे हटाया था और विवादित इलाकों में गश्त रोक दी थी। अब रक्षा सूत्रों ने इसे माना है कि पूर्वी लद्दाख में जारी संघर्ष को सुलझाने की दिशा में एक और कदम के तहत भारत और चीन जल्द ही सैन्य कमांडर स्तर की 17वें दौर की वार्ता करेंगे।

इसमें हाट स्प्रिंग्स फ्रिक्शन बिंदु को लेकर चर्चा की जानी है। इसके लिए भारत की ओर से जल्द ही चीनी सेना को न्योता भेजा जाएगा। एक रक्षाधिकारी के मुताबिक, हाट स्प्रिंग्स क्षेत्र में विवाद को दूर करने के लिए नए सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता के लिए चीनियों को निमंत्रण भेजा जा रहा है। यह मई 2020 के बाद उभरे नए विवदित बिंदुओं में से अंतिम होगा। 

यह जग जाहिर है कि पिछले कई सालों से चीन के साथ एलएसी पर कई विवादित बिंदु हैं, जिनमें चार नए विवादित बिंदु और कुछ विरासत वाले जैसे देपसांग मैदान शामिल हैं। भारत और चीन के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। सूत्रों ने कहा कि चीन नए और पुराने विवादित क्षेत्रों पर अलग-अलग बातचीत चाहता था, लेकिन भारत उनके बारे में संयुक्त रूप से बात पर जोर देता आया है।

भारत और चीन पिछले साल अगस्त महीने की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख के गोगरा हाइट्स क्षेत्र से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए थे। दोनों पक्षों के बीच अंतिम समझौता लगभग डेढ़ साल पहले हुआ था जब भारत और चीन पैंगांग झील क्षेत्र में सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए थे।

Web Title: Indian Army to invite China for the 17th round of talks to resolve the border dispute

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