भारतीय वायुसेना की बढ़ेगी ताकत, विध्वंसक हथियारों से लैस 8 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर पठानकोट में होंगे तैनात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 3, 2019 09:23 AM2019-09-03T09:23:17+5:302019-09-03T09:23:17+5:30
आईएएफ ने ‘अपाचे हेलीकॉप्टर’ के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितम्बर 2015 में कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था।
भारतीय वायुसेना (IAF) की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए आठ अमेरिका निर्मित ‘अपाचे एएच-64ई’ लड़ाकू हेलीकॉप्टर को आज आईएएफ में शामिल किया जाएगा। एयर चीफ मार्शल बी. एस. धनोआ पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन में आयोजित होने वाले इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।
‘अपाचे एएच-64ई’ दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर है और अमेरिकी सेना इसका इस्तेमाल करती है। आईएएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर आईएएफ में शामिल होने जा रहे हैं, जो बल की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे।’’
अपाचे AH-64E की खासियत
बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट में बोइंग कंपनी के मुताबिक बताया है कि यह हेलीकॉप्टर करीब करीब 16 फ़ुट ऊंचा और 18 फुट चौड़ा है। अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलट होना जरूरी है। बेहद रफ्तार वाले इस हेलीकॉप्टर में दो इंजन होते हैं। इसकी अधिकतम स्पीड 280 किलोमीटर प्रति घंटा है।
बेहद ही खतरनाक है अपाचे हेलीकॉप्टर
इस हेलीकॉप्टर की सबसे सबसे खास बात यह है कि इसे इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल होता है। इसमें 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता है। इस हेलीकॉप्टर के नीचे लगी राइफल लगा होता है। इस राइफल में में एक बार में 30mm की 1,200 गोलियाँ भरी जा सकती हैं। इसके अलावा यह हेलीकॉप्टर एक बार में पौने तीन घंटे तक उड़ सकता है।
अपाचे AH-64E के बारे में
साल 1984 में बोइंग कंपनी ने अमरीकी सेना को पहला अपाचे हेलीकॉप्टर दिया था। तब इस मॉडल का नाम था AH-64A। तब से लेकर अब तक बोइंग 2,200 से अधिक अपाचे हेलीकॉप्टर बेच चुकी है। भारत ही नहीं बोइंग कंपनी ने अमरीकी सेना के माध्यम से मिस्र, ग्रीस, भारत, इंडोनेशिया, इसराइल, जापान, क़ुवैत, नीदरलैंड्स, क़तर, सऊदी अरब और सिंगापुर को अपाचे हेलीकॉप्टर बेचे हैं।
भारत 14वां देश है जिसे बोइंग कंपनी ने अपनी सेना के लिए चुना
आईएएफ ने ‘अपाचे हेलीकॉप्टर’ के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितम्बर 2015 में कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था। इसके तहत बोइंग ने 27 जुलाई को 22 हेलीकॉप्टर में से पहले चार हेलीकॉप्टर दिए गए थे। कई अरब डॉलर का अनुबंध होने के करीब चार वर्ष बाद ‘हिंडन एयर बेस’ में भारतीय वायुसेना को अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी की गई थी।
रक्षा मंत्रालय ने बोइंग से 2017 में 4168 करोड़ रुपये कीमत पर सेना के लिए हथियारों के साथ छह अपाचे हेलीकाप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी। यह सेना का लड़ाकू हेलीकाप्टरों का पहला बेड़ा होगा। भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया था कि अपाचे बेड़े के जुड़ने से बल की लड़ाकू क्षमतओं में काफी वृद्धि होगी क्योंकि हेलीकाप्टर में वायुसेना की भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए बदलाव किये गए हैं।
कंपनी ने पूरी दुनिया में अपने उपभोक्ताओं को 2200 से अधिक अपाचे हेलीकाप्टरों की आपूर्ति की है और भारत 14वां देश है जिसने उसे अपनी सेना के लिए चुना है। बोइंग ने कहा, ‘‘2020 तक भारतीय वायुसेना 22 अपाचे हेलीकाप्टरों का बेड़ा संचालित करेगा और ये पहली आपूर्ति निर्धारित समय से पहले है।’’ बोइंग ने कहा कि एएच..64ई में नवीनतम प्रौद्योगिकी है जिससे यह हेलीकाप्टर विश्व का सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू हेलीकाप्टर का स्थान बरकरार रख सके। एएच..64ई अपाचे ने भारतीय वायुसेना के लिए अपनी पहली सफल उड़ानें जुलाई 2018 में पूरी की थी। भारतीय वायुसेना के पहले दल ने अपाचे हेलीकाप्टर उड़ाने का अपना प्रशिक्षण अमेरिका में 2018 में शुरू किया था।
(भाषा न्यूज एजेंसी से इनपुट)