भारत 12 नए उन्नत स्वदेशी अवाक्स रडार जल्द बनाएगा, चीन-पाक से इस मामले में है पीछे, फिलहाल सिर्फ तीन हैं सेवा में

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: February 7, 2024 06:16 PM2024-02-07T18:16:10+5:302024-02-07T18:18:05+5:30

परियोजनाएं भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह AEW&C और AWACS क्षेत्र में हमारा देश चीन और पाकिस्तान से बहुत पीछे है। पाकिस्तान के पास अब 11 स्वीडिश Saab-2000 Eriye AEW&C और चीनी काराकोरम ईगल ZDK-03 AWACS विमान हैं। चीन के पास लगभग 30 AEW&C विमान हैं।

India will soon make 12 new advanced indigenous AWACS radars AEW&C behind China-Pak in this matter | भारत 12 नए उन्नत स्वदेशी अवाक्स रडार जल्द बनाएगा, चीन-पाक से इस मामले में है पीछे, फिलहाल सिर्फ तीन हैं सेवा में

तीन विमान पहले बनाए गए थे और फरवरी 2017 से शामिल किए गए थे

Highlights भारत अब उन्नत स्वदेशी अवाक्स रडार की संख्या बढ़ाने जा रहा हैइन्हें "आसमान में आंखें" भी कहा जाता हैये फैसला अवाक्स राडार के मामले में चीन और पाकिस्तान की बढ़त को देखते हुए लिया जा रहा है

नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर लगातार बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए भारत अब उन्नत स्वदेशी अवाक्स रडार की संख्या बढ़ाने जा रहा है। इन्हें "आसमान में आंखें" भी कहा जाता है। इससे वायुसेना की क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा। अवाक्स रडार विमान पर फिट होते हैं जो दुश्मन के जेट विमानों के साथ हवाई युद्ध के दौरान अपनी वायुसेना के लड़ाकू विमानों को निर्देशित करते हैं। 

भारतीय वायुसेना डीआरडीओ के साथ मिलकर सक्रिय रूप से नेत्र एईडब्ल्यूएंडसी विमान के छह मार्क-1ए के साथ-साथ छह मार्क-2 संस्करण विकसित करने के कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है। ऐसे तीन विमान पहले बनाए गए थे और फरवरी 2017 से शामिल किए गए थे। 

ये फैसला अवाक्स राडार के मामले में चीन और पाकिस्तान की बढ़त को देखते हुए लिया जा रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक क्षा मंत्रालय अगले सप्ताह छह मार्क-1ए विमानों के लिए 'आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन)' को मंजूरी देगा। छह मार्क-1ए विमानों पर ब्राजीलियाई एम्ब्रेयर जेट पर सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए ऐन्टेना-आधारित रडार, इलेक्ट्रॉनिक और सिग्नल इंटेलिजेंस सिस्टम को स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना करीब 9,000 करोड़ रुपये की होगी। ये छह AEW&C विमान पहले तीन Embraer-145 जेट-आधारित नेत्रा की तरह होंगे, जिनमें 240-डिग्री रडार कवरेज है। लेकिन इसमें बेहतर सॉफ्टवेयर और नए गैलियम नाइट्राइड-आधारित TR (ट्रांसमिट/रिसीव) मॉड्यूल जैसी अधिक उन्नत प्रौद्योगिकियां होंगी।

इसके अलावा एयर इंडिया से खरीदे गए सेकेंड-हैंड एयरबस-321 विमानों पर लगाए जाने वाले AEW&C रडार और सेंसर के बड़े और अधिक सक्षम संस्करणों के साथ छह मार्क-2 विमानों का विकास कार्य पहले से ही रुपये की लागत से उन्नत चरण में है। यह परियोजना 10,990 करोड़ की है। पहले AEW&C मार्क-2 विमान की डिलीवरी 2026-27 तक होने की संभावना है। इसमें 300-डिग्री रडार कवरेज देने की क्षमता होगी। 

दोनों परियोजनाएं भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह AEW&C और AWACS क्षेत्र में हमारा देश चीन और पाकिस्तान से बहुत पीछे है। पाकिस्तान के पास अब 11 स्वीडिश Saab-2000 Eriye AEW&C और चीनी काराकोरम ईगल ZDK-03 AWACS विमान हैं। चीन के पास लगभग 30 AEW&C विमान हैं, जिनमें कोंग जिंग-2000 'मेनरिंग', KJ-200 'मोथ' और KJ-500 विमान शामिल हैं।

Web Title: India will soon make 12 new advanced indigenous AWACS radars AEW&C behind China-Pak in this matter

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