सौ बार एक ही झूठ बोलने से वह सच नहीं हो जाता, कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत ने पाकिस्तान को फिर घेरा
By भाषा | Published: August 6, 2020 01:55 AM2020-08-06T01:55:22+5:302020-08-06T01:55:22+5:30
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके कई मंत्री हमेशा जम्मू-कश्मीर को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते रहते हैं। जबकि भारत ने कई बार ये पाकिस्तान को साफ कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है।
न्यूयॉर्क: कश्मीर के द्विपक्षीय मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के लगातार प्रयास के लिए उसकी निंदा करते हुए एक शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कहा कि ‘‘एक झूठ को सौ बार बोलने से वह सच नहीं हो जाता।’’ संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस त्रिमूर्ति ने पीटीआई से कहा, ‘‘पाकिस्तान ने जो दावा किया है उसके विपरीत उसने जम्मू कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र का एजेंडा बनाने का प्रयास किया। पाकिस्तान द्वारा द्विपक्षीय मुद्दों का अंतरराष्ट्रीयकरण करना कोई नयी बात नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक झूठ को सौ बार बोलने से वह सच नहीं हो जाता । ’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री के दावे के विपरीत तीन मौकों को छोड़ दें तो भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर पिछले 55 साल में सुरक्षा परिषद की कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है।
Another attempt by Pak fails. In today’s meeting of UNSC which was closed, informal, not recorded & without any outcome, almost all countries underlined J&K was bilateral issue & did not deserve time & attention of Council: TS Tirumurti, Permanent Representative of India to UN pic.twitter.com/Namiive955
— ANI (@ANI) August 5, 2020
त्रिमूर्ति ने कहा कि इससे पहले बंद कमरे में अनौपचारिक बैठक हुई थी। उन्होंने कहा कि यह ध्यान देना महत्वपूर्ण होगा कि सुरक्षा परिषद में खासकर हर देश इस तथ्य को रेखांकित करता है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय तरीके से सुलझाएगा।
पाकिस्तान ने राम मंदिर भूमिपूजन की आलोचना की
पकिस्तान ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद स्थल पर बुधवार (5 अगस्त) को हुए राम मंदिर भूमि पूजन की आलोचना की। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान में कहा ,‘‘भारतीय उच्चतम न्यायालय के त्रुटिपूर्ण निर्णय ने मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जो न केवल न्याय पर आस्था की प्रधानता को दर्शाता है, बल्कि आज के भारत में बढ़ते बहुसंख्यवाद को भी दिखाता है जहां अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों और उनके पूजा स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं।’’
विदेश कार्यालय ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान बाबरी मस्जिद स्थल पर मंदिर के निर्माण में जल्दबाजी यह दिखाती है कि किस प्रकार से भारत में मुसलमानों को हाशिए पर धकेला जा रहा है। भारत पहले ही इस मुद्दे पर पाकिस्तान की ‘‘ अवांछित और अकारथ टिप्पणियों ’’ को खारिज कर चुका है। विदेश मंत्रालय ने कहा था,‘‘ भारत के उच्चतम न्यायालय का फैसला भारत का पूरी तरह से अंदरूनी मामला है।’’