भारत ने निपाह वायरस से निपटने के लिए आस्ट्रेलियाई से मांगी मदद, अबतक 11 लोगों की हो चुकी मौत
By भाषा | Published: May 24, 2018 08:41 PM2018-05-24T20:41:30+5:302018-05-24T20:41:30+5:30
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, 'हमनें उनसे उनकी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी देने को कहा है जिससे भारत में इनका परीक्षण हो सके कि क्या यह इंसानों में निपाह वायरस को काबू में कर सकती है।
नई दिल्ली, 24 मई: केरल में सामने आए निपाह वायरस के मामलों के बाद भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (आईसीएमआर) ने ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड सरकार से खत लिखकर उनसे वहां विकसित की गई एक एंटीबॉडी उपलब्ध कराने को कहा है जिससे यह जांचा जा सके कि क्या यह इंसानों में भी वायरस को काबू कर सकती है। इस एंटीबॉडी का परीक्षण अब तक इंसानों पर नहीं हुआ है।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, 'हमनें उनसे उनकी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी देने को कहा है जिससे भारत में इनका परीक्षण हो सके कि क्या यह इंसानों में निपाह वायरस को काबू में कर सकती है। ऑस्ट्रेलिया में इसका सिर्फ विट्रो (शरीर के बाहर कृत्रिम परिस्थितियों में, अक्सर परखनली में) परीक्षण हुआ है और इसे प्रभावी पाया गया। इंसानों पर लेकिन इसका परीक्षण नहीं हुआ है।'
भार्गव ने स्पष्ट किया कि इससे टीका नहीं बनेगा। आईसीएमआर भारत में जैव चिकित्सकीय शोध के निष्पादन , समन्वय और संवर्धन के लिये सर्वोच्च निकाय है।
इधर, केरल में निपाह वायरस से प्रभावित एक और व्यक्ति की गुरुवार को मृत्यु हो गई। इस के साथ राज्य में इस खतरनाक वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई। कोझिकोड जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ . जयश्री ई ने संवाददाताओं को बताया कि मृतक की पहचान वी मूसा (61) के तौर पर हुई है। मूसा पिछले कुछ दिन से यहां के एक निजी अस्पताल में कुछ दिन से जीवन और मौत के बीच जूझ रहे थे। उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था।
उन्होंने बताया कि करीब 160 नमूनों को जांच के लिये वायरोलॉजी संस्थान भेजा गया है और 14 मामलों में इस विषाणु की पुष्टि हुई है। इनमें से 11 लोगों की मौत हो चुकी है। तीन लोगों का अस्पतालों का इलाज चल रहा है। पिछले 20 दिनों में मूसा के परिवार में हुई यह चौथी मौत है। इससे पहले मूसा के बेटों मोहम्मद सलेह (28), मोहम्मद सादिक (26) और उनकी रिश्तेदार मरिअम्मा की मौत हो चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि जहां परिवार के दो सदस्यों के निपाह के कारण मरने की पुष्टि हो चुकी है , मूसा के एक बेटे के खून के नमूने में निपाह का विषाणु नहीं पाया गया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने मूसा के घर के परिसर में स्थित एक कुआं भी सील कर दिया जिसके बीमारी का केंद्र होने की बात कही जा रही है। ऐसा कुएं के चमगादड़ों से संक्रमित होने का पता चलने के बाद किया गया। हालांकि कुएं का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था।
जिले के पेरम्बरा तालुक अस्पताल में मूसा के परिवार के लोगों का शुरूआत में इलाज करने वाली नर्स लिनी पुथुस्सेरी की भी विषाणु के संक्रमण के बाद मौत हो गयी। एक आधिकारिक सूचना के मुताबिक मरने वाले 11 लोगों में से आठ कोझिकोड के और तीन पड़ोसी जिले मल्लपुरम के हैं। 22 लोगों के भी विषाणु से संक्रमित होने का संदेह हैं। इनमें 13 कोझिकोड के , छह मल्लपुरम के , दो कोट्टायम के और एक तिरूवनंतपुरम के रहने वाले हैं।
उनके खून के नमूने जांच के लिए भेज दिए गए हैं और उनके नतीजों का इंतजार किया जा रहा है। गुरुवार सुबह केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में निपाह विषाणु के प्रकोप को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए उपायों की समीक्षा की गयी। राज्य सरकार ने एक परामर्श भी जारी कर राज्य की यात्रा करने वाले सभी लोगों से चार जिलों - कोझिकोड, मलप्पुरम, वायनाड और कन्नूर-की यात्रा से बचने का अनुरोध किया है।
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें!