नई दिल्ली: भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 90 हजार 928 नए मामले सामने आए हैं। वहीं 325 लोगों की मौत भी इस महामारी से इस अवधि में हुई है। इसके साथ ही देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 4 लाख 82 हजार 876 हो गई है। वहीं संक्रमण दर देश में 6.43 हो गया है।
इन सबके बीच ओमीक्रोन वेरिएंट के मामलों में भी बड़े उछाल की पुष्टि हुई है। देश में ओमीक्रोन वेरिएंट से ग्रसित 2630 मरीजों की पहचान हो चुकी है। देश के 26 राज्यों से आ चुके ओमीक्रोन के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से आए हैं। यहा ओमीक्रोन के अभी तक 797 केस दर्ज किए गए हैं। दूसरे स्थान पर दिल्ली (465) है।
कोरोना के मामलों में 56 प्रतिशत का उछाल
भारत में बुधवार सुबह के अपडेट के अनुसार 58 हजार से कुछ अधिक केस आए थे। ऐसे में पिछले 24 घंटे में नए कोरोना मामलों में 56 फीसदी से अधिक का उछाल आया है। देश में साप्ताहिक संक्रमण दर अब बढ़कर 3.47 पहुंच गया है।
देश में अभी रिकवरी रेट 97.81 फीसदी है। पिछले 24 घंटों में कम से कम 19206 लोग ठीक हुए हैं। इसके साथ कोरोना से ठीक होने वालों की कुल संख्या 3,43,41,009 पहुंच गई है। सक्रिय मामलों की संख्या देश में बढ़कर 2 लाख 85 हजार 401 हो गई है।
इन पांच राज्यों में सबसे अधिक केस
महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना के सबसे अधिक केस मिले। यहां 26,538 मामले सामने आए। वहीं दिल्ली में 10665 केस मिले। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भी कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है। यहां 14022 केस मिले हैं। वहीं, तमिलनाडु में 4862 और केरल में 4801 केस सामने आए।
ओमीक्रोन के किस राज्य में कितने मामले
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देशभर में ओमीक्रोन के 2630 मामले अभी तक सामने आए हैं। ओमीक्रोन के कुल मिले मरीजों में से 995 मरीज ठीक भी हो गए हैं। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 797 केस मिले हैं। इसके अलावा दिल्ली में 465, राजस्थान में 236, केरल में 234 और कर्नाटक में 226 मामले सामने आए हैं।
बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से मौत का पहला मामला भी बुधवार को राजस्थान में सामने आया। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान में मौत का मामला 'तकनीकी रूप से" ओमीक्रोन से संबंधित है। उन्होंने कहा, 'ओमीक्रोन से संक्रमित होने की रिपोर्ट आने से पहले ही व्यक्ति की मौत हो गई थी। मरीज बुजुर्ग व्यक्ति थे और उन्हें मधुमेह के साथ अन्य बीमारियां भी थीं और प्रोटोकॉल के तहत उनका इलाज अन्य रोगों के साथ-साथ संक्रमण के लिए किया जा रहा था।'