जल्द हाथ आ सकता है अंडर वर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, भारत शिकंजा कसने की कर रहा है तैयारी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 17, 2019 01:51 PM2019-07-17T13:51:35+5:302019-07-17T13:51:35+5:30
दाऊद इब्राहीम की डी कंपनी के वैश्विक आपराधिक नेटवर्क में बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाला जाबिर सिद्दीकी उर्फ मोती इन दिनों तनाव से पीड़ित है।
भारत की सरकार को ब्रिटेन की सरकार से इस बात की उम्मीद है कि अंडर वर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सबसे करीबी सहयोगी जाबिर सिद्दीकी उर्फ मोतीवाला से पूछताछ की मंजूरी मिल जाएगी। सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर ब्रिटेन इस बात की मंजूरी दे देगा तो देश में चल रहे ड्रग्स और जबरन वसूली के बारे में काफी जानकारी मिल जायेग। भारत सरकार ने यह भी कहा कि 1993 मुंबई बम धमाके के मुख्य आरोपी आज भी हमारे देश में सक्रिय हैं।
भारतीय एजेंसियों ने दावा किया है कि अगर पूछताछ करने की इजाजत मिल जाती है तो हमें पाकिस्तान में भगोड़े की उपस्थिति के सबूत भी मिल सकते हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक भारत ने जो डोजियर ब्रिटेन को सौंपा है उसके अनुसार जाबिर सिद्दीकी दाऊद के उन सहयोगियों में से एक है जो कराची स्थित इस्लाम बाबा ट्रस्ट में ट्रस्टी है। इस ट्रस्ट में उसकी पत्नी, उसका बेटा और दो बेटे भी हैं। यह ट्रस्ट डी कंपनी की सम्पत्तियों का प्रबंधन करता है।
तीन बार कर चुका है जाबिर सिद्दीकी उर्फ मोतीवाला आत्महत्या की कोशिश
दाऊद इब्राहीम की डी कंपनी के वैश्विक आपराधिक नेटवर्क में बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाला जाबिर सिद्दीकी उर्फ मोती इन दिनों तनाव से पीड़ित है और वह आत्महत्या के कम से कम तीन प्रयास कर चुका है और इस वजह से उसका अमेरिका में प्रत्यर्पण करना उसके लिए दमनकारी होगा। यूनाइटेड किंगडम की एक अदालत को यह जानकारी दी थी। पाकिस्तानी मूल के मोती (51) को गत वर्ष स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार किया था। अमेरिका की एफबीआई का उस पर धन शोधन, फिरौती और गैरकानूनी चीजों जैसे हेरोइन का आयात करने का आरोप है।
अमेरिकी सरकार की तरफ से, न्यायाधीश जॉन जानी की अदालत में पेश हुये वकील जॉन हार्डी ने उसके डी कंपनी के साथ रिश्तों के बारे में न्यायालय को बताया। इस दौरान मोती खुद अदालत में मौजूद था। मोती के वकील एडवर्ड फिटजेराल्ड ने उसके पक्ष में दलील देते हुये कहा था कि उसके द्वारा जो अपराध किया बताया गया है, वह कई साल पुराना है। उन्होंने आगे कहा कि मोती की मानसिक हालत ठीक नहीं है और अगर उसे अमेरिका भेजा गया तो उसकी हालत खराब हो सकती है। वह 2008, 2011 और 2015 में आत्महत्या की कोशिश कर चुका है और वह 2008 से ही पाकिस्तान में मानसिक चिकित्सक की देखरेख में रहा है। दोनों पक्ष अदालत के सामने अपने अपने गवाह पेश करेंगे। यह ट्रायल तीन दिन यानी बुधवार तक चलेगा और यह चौथे दिन में भी प्रवेश कर सकता है।