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भारत भ्रष्टाचार के हर संभावित रूप को नष्ट करने की लगातार कोशिश कर रहा है: रिजिजू

By भाषा | Updated: August 6, 2021 23:08 IST

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नयी दिल्ली, छह अगस्त विधि मंत्री किरण रिजिजू ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के विधि मंत्रियों की आठवीं बैठक में शुक्रवार को कहा कि भारत भ्रष्टाचार के हर संभावित रूप को नष्ट करने की लगातार कोशिश कर रहा है।

रिजिजू ने कहा कि फौजदारी और दीवानी मामलों पर कानूनी सहायता एवं कानूनी संबंधों से द्विपक्षीय आधार पर निपटना जारी रखना भारत के लिए उचित रहेगा। विधि मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने रिजिजू के हवाले से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार का दृष्टिकोण है कि भ्रष्टाचार एवं कालेधन को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाए।’’

मंत्री ने कहा कि भारत में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए ठोस संस्थागत तंत्र द्वारा समर्थित एक मजबूत कानूनी ढांचा है। उन्होंने बैठक में कहा कि जनहित याचिकाओं के संबंध में संवैधानिक शक्तियों के साथ एक स्वतंत्र और प्रभावी न्यायिक प्रणाली भ्रष्टाचार से निपटने के लिए एक और मजबूत व्यवस्था है।

रिजिजू ने दीवानी मामलों में कानूनी सहायता एवं कानूनी संबंधों पर एससीओ के सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘दीवानी मामलों में कानूनी सहायता एवं कानूनी संबंधों पर एससीओ सम्मलेन की बात करें, तो हमारा दृष्टिकोण केवल एससीओ के संदर्भ में ही नहीं है, क्योंकि (देश में) द्विपक्षीय स्तर पर भी इस मामले संबंधी तंत्र मौजूद हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए फौजदारी और दीवानी मामलों पर कानूनी सहायता एवं कानूनी संबंधों से द्विपक्षीय आधार पर निपटना जारी रखना भारत के लिए उचित रहेगा।’’

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्री ने सभा को भारत द्वारा बड़े पैमाने पर यूएनसीएसी (भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन) के अनुपालन के लिए उठाए गए विधायी और कार्यकारी उपायों से अवगत कराया। मंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत सरकार ने विवाद समाधान के वैकल्पिक माध्यम के जरिए विवाद सुलझाने को उच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने सभा को बताया कि भारत सरकार ने वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम और मध्यस्थता कानूनों सहित व्यापार संबंधी कानून एवं नियम बनाए हैं ताकि भारत में निवेश और कारोबार को आकर्षित किया जा सके।

रिजिजू ने कोविड-19 को फैलने से रोकने एवं उसके प्रभावी प्रबंधन के लिए तथा उचित स्वास्थ्य प्रोटोकॉल एवं चिकित्सा सुविधाओं को सुनिश्चित करने के मकसद से महत्वपूर्ण दिशानिर्देश बनाकर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत भारत द्वारा की गई कार्रवाइयों की भूमिका का उल्लेख किया।

विधि मंत्री ने समाज के वंचित वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने के विभिन्न पहलुओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने इस संबंध में विवादों के निपटान के लिए एक प्रभावी माध्यम ई-लोक अदालत और प्रौद्योगिकी एवं वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) तंत्र के संयोजन की भी जानकारी दी, जो देश के नागरिकों को एक त्वरित, पारदर्शी और सुलभ विकल्प प्रदान करता है।

भारत, कजाकिस्तान, चीन, किर्गिजस्तान, पाकिस्तान, रूसी संघ, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के विधि एवं न्याय मंत्रियों और मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने ऑनलाइन बैठक में भाग लिया। अगली बैठक की मेजबानी पाकिस्तान करेगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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