कोरोना वायरस है या नहीं.. सूंघ कर ही बता देंगे कुत्ते, मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स को दी जा रही ट्रेनिंग

By गुणातीत ओझा | Published: April 23, 2020 09:53 AM2020-04-23T09:53:42+5:302020-04-23T15:32:49+5:30

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत स्निफर डॉग विभाग से जुड़े पशु चिकित्सक ने कहा, कोविड -19 के रोगियों की जांच के लिए 'मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स' का इस्तेमाल किया जा सकता है।

india fights coronavirus canine friends can screen covid 19 patients know all about medical detection dogs screening | कोरोना वायरस है या नहीं.. सूंघ कर ही बता देंगे कुत्ते, मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स को दी जा रही ट्रेनिंग

Coronavirus है या नहीं, कुत्ते सूंघ कर ही बता देंगे!

Highlightsपूरी दुनिया में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।कोरोना वायरस है या नहीं इसके लिए रैपिड टेस्ट किट भी आ चुकी हैं। अब कुत्तों का भी इस्तेमाल कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान में किया जा सकता है।

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस महामारी को खत्म करने के लिए वैक्सीन तैयार करने के लिए तमाम देशों के वैज्ञानिक लगे हुए हैं। वहीं, कोरोना से संक्रमित मरीजों की पहचान करने के लिए भी कई नई तकनीक रोज सामने आ रही है। कोरोना वायरस है या नहीं इसके लिए रैपिड टेस्ट किट भी आ चुकी हैं। अब कुत्तों का भी इस्तेमाल कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान में किया जा सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के कार्य क्षेत्र में आने वाले स्निफर डॉग विभाग के पशु चिकित्सक के मुताबिक कोविड -19 के रोगियों की जांच के लिए 'मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स' का इस्तेमाल किया जा सकता है। गृह मंत्रालय के पुलिस K9 सेल के परामर्श निदेशक कर्नल (डॉ) पीके छुग ने कोरोना वायरस स्क्रीनिंग के लिए 'मेडिकल डिटेक्शन डॉग' का इस्तेमाल करने पर बल दिया है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक कर्नल छुग ने कहा है कि  'मेडिकल डिटेक्शन डॉग' का इस्तेमाल कर बीमारी की पहचान की जाती है, जिसमें कुत्ते अहम भूमिका निभाते हैं। अभी तक ज्यादातर लोग यही जानते हैं कि कुत्ते विस्फोटक पदार्थ या ड्रग्स को खोजने में ही कारगर साबित हुए हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुत्तों को मेडिकल डिटेक्शन में भी शामिल किया जाता है। कुत्तों के इस इस्तेमाल पर बहुत काम किया गया है। विदेशों में कैंसर का पता लगाने में इस प्रक्रिया का सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है।

कर्नल छुग बीते 26 सालों से पुलिस और सैन्य कुत्तों को ट्रेनिंग देते आ रहे हैं। उन्होंने काह कि मेडिकल विभाग में मरीज की बीमारी का पता लगाने के लिए, लार, रक्त और मूत्र के नमूने जांच लिए जाते हैं। इन नमूनों को सूंघ कर कुत्ते पता लगाते हैं और बताते हैं कि यह पॉजिटिव है या नहीं। कर्नल छुग ने बताया कि जब हम बीमार पड़ते हैं, हमारे शरीर में परिवर्तन होते हैं, ऐसे समय में हमारे लार और मूत्र की गंध बदल जाती है। गंध को परखने में माहिर कुत्तों को इस तरह से ट्रेनिंग दी जाती है कि वे बीमार व्यक्ति का लार और मूत्र सूंघ कर स्क्रीन कर सकें और बता सकें कि व्यक्ति बीमार है या नहीं।

'मेडिकल डिटेक्शन डॉग' से कोरोना संक्रमित का पता लगाने के सवाल पर कर्नल छुग ने कहा कि हमारे देश में ही नहीं, पूरी दुनिया में कोविड-19 का पता लगाना एक बड़ी चुनौती है। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के प्रोफेसर जेम्स लोगन अपनी टीम के साथ इस पर काम कर रहे हैं।  इससे पहले उन्होंने मलेरिया का पता लगाने के लिए 'मेडिकल डिटेक्शन डॉग' पर काम किया था। छुग ने बताया कि प्रोफेसर जेम्स लोगन और उनकी टीम को उम्मीद है कि कुत्तों के जरिये कोविड-19 की स्क्रीनिंग प्रक्रिया में मदद मिल सकती है।

Web Title: india fights coronavirus canine friends can screen covid 19 patients know all about medical detection dogs screening

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