बीते एक साल में देश में बढ़ा भ्रष्टाचार, सरकारी काम के लिए अब भी देनी पड़ रही है घूंस: रिपोर्ट
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: May 20, 2018 10:57 AM2018-05-20T10:57:37+5:302018-05-20T10:57:37+5:30
भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं न खाऊंगा न खाने दूंगा, लेकिन भ्रष्टाचार पर अब तक लगाम नहीं लग सकी है। एक सर्वेक्षण के अनुसार देश के 13 राज्यों के 75 प्रतिशत परिवारों का मानना है कि पिछले एक साल के दौरान भ्रष्टाचार या तो बढ़ा है या पुराने स्तर पर टिका रहा है।
नई दिल्ली, 20 मई। भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं न खाऊंगा न खाने दूंगा, लेकिन भ्रष्टाचार पर अब तक लगाम नहीं लग सकी है। एक सर्वेक्षण के अनुसार देश के 13 राज्यों के 75 प्रतिशत परिवारों का मानना है कि पिछले एक साल के दौरान भ्रष्टाचार या तो बढ़ा है या पुराने स्तर पर टिका रहा है। वहीं 27 प्रतिशत परिवारो ने पिछले एक साल के दौरान किसी सार्वजनिक सुविधा के लिए घूस देने की बात स्वीकार की।
गैर-लाभकारी संगठन ( एनजीओ ) सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ( सीएमएस ) द्वारा किये गये सर्वेक्षण ‘इंडिया करप्शन स्टडी ’ में 13 राज्यों आंध्र प्रदेश , बिहार , दिल्ली , कर्नाटक , मध्य प्रदेश , महाराष्ट्र , पंजाब , राजस्थान , तमिलनाडु , तेलंगाना , उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल के 200 से अधिक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के दो हजार से अधिक लोग शामिल हुए।
सर्वेक्षण में सार्वजनिक वितरण प्रणाली , बिजली , चिकित्सा , न्यायिक सेवाएं , भूमि - आवास , परिवहन , महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शामिल रहे। सीएमएस के सर्वेक्षण के अनुसार इन 13 राज्यों में लोगों ने इस सेवाओं के लिए इस दौरान 25 सौ से 28 सौ करोड़ रुपये के घूस दिये।
रिपोर्ट में कहा गया कि लोगों ने पहचान पत्र बनवाने के लिए भी घूस देने की बातें स्वीकार की। करीब सात प्रतिशत लोगों ने आधार कार्ड बनवाने तथा तीन प्रतिशत लोगों ने मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए घूस देने की बातें स्वीकार की। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह ने सीएमएस के चेयरमैन डॉ एन . भाष्कर राव के साथ रिपोर्ट जारी की।