भारत 2030 से पहले जीडीपी की उत्सर्जन तीव्रता 35 प्रतिशत घटाने का लक्ष्य हासिल कर सकता है :जावडेकर

By भाषा | Published: November 26, 2020 08:46 PM2020-11-26T20:46:37+5:302020-11-26T20:46:37+5:30

India can achieve the target of reducing the emission intensity of GDP by 35 percent before 2030: Javadekar | भारत 2030 से पहले जीडीपी की उत्सर्जन तीव्रता 35 प्रतिशत घटाने का लक्ष्य हासिल कर सकता है :जावडेकर

भारत 2030 से पहले जीडीपी की उत्सर्जन तीव्रता 35 प्रतिशत घटाने का लक्ष्य हासिल कर सकता है :जावडेकर

नयी दिल्ली, 26 नवंबर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत अपनी जीडीपी की उत्सर्जन तीव्रता 2030 से पहले 35 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए तैयार है।

जावडेकर ने पर्यावरण और जैवविविधता संरक्षण के क्षेत्र में भारत और फिनलैंड के बीच सहयोग विकसित करने के उद्देश्य से दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के दौरान यह बात कही।

जावडेकर ने फिनलैंड की पर्यावरण मंत्री कृस्टा मिक्कोनेन के साथ एमओयू पर डिजिटल तरीके से हस्ताक्षर किये।

जावडेकर ने एक डिजिटल कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत ने 2020 तक अपनी जीडीपी की उत्‍सर्जन तीव्रता 2005 के स्‍तर से अधिक 21 प्रतिशत कम करने का स्‍वैच्छिक लक्ष्‍य प्राप्‍त कर लिया है और लक्षित वर्ष 2030 से पहले 35 प्रतिशत कमी का लक्ष्‍य हासिल करने के लिए तैयार है।’’

उत्सर्जन तीव्रता (एमिशन इन्टेन्सिटी) जीडीपी की प्रति इकाई में उत्सर्जन का आयतन होता है।

जावडेकर ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन भारत और फिनलैंड के बीच साझेदारी और समर्थन को बढ़ाएगा, वायु तथा जल प्रदूषण की रोकथाम, अपशिष्‍ट प्रबंधन, सर्कुलर अर्थव्‍यवस्‍था संवर्द्धन, निम्‍न कार्बन सॉल्‍यूशन्‍स जैसे क्षेत्रों में श्रेष्‍ठ तौर-तरीकों के आदान-प्रदान को और वन, जलवायु परिवर्तन, समुद्री तथा तटीय संसाधनों के समेत प्राकृतिक संसाधनों के सतत प्रबंधन को प्रोत्‍साहित करेगा।

उन्‍होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन पेरिस समझौते की प्रति‍बद्धता को पूरा करने की दिशा में हमें एक साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध बनाता है।

पेरिस समझौते के अंतर्गत प्रस्‍तुत अपने राष्‍ट्रीय निर्धारित योगदानों के रूप में भारत ने गुणात्‍मक जलवायु परिवर्तन के तीन कदम उठाये हैं।

इनमें 2030 तक जीडीपी की उत्‍सर्जन तीव्रता 2005 स्‍तर से 33 से 35 प्रतिशत कम करना, 2030 तक अक्षय ऊर्जा के स्रोतों से 40 प्रतिशत संचयी विद्युत ऊर्जा का लक्ष्‍य प्राप्‍त करना और अतिरिक्‍त वन तथा पेड़ लगाकर 2030 तक 2.5 से 3 अरब टन का अतिरिक्‍त कार्बन सिंक बनाना शामिल है।

पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया, ‘‘इस समझौता ज्ञापन से प्रौद्योगिकी, वैज्ञानिक तथा प्रबंधन क्षमताएं मजबूत होंगी। यह सतत विकास को प्रोत्‍साहित करने पर ध्‍यान देते हुए गुणवत्‍ता, आदान-प्रदान तथा परस्‍पर लाभ के आधार पर पर्यावरण तथा जैवविविधता के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग विकसित करेगा।

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