कोरोना वायरस का कहर चीन की सीमा को पार कर दुनिया के कई देशों में फैल गया है। भारत के भी कुछ लोगों को कोरोना ने अपना शिकार बनाया था, लेकिन डॉक्टरों की तत्परता से इस वायरस से पीड़ित लोग खतरे से बाहर आ गए। दरअसल, केरल में इस बीमारी से पीड़ित दो लोग ठिक हो गए हैं। इस तरह इस बीमारी पर भारत की जीत हुई है।
बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। हालांकि, भारत ने कोरोना वायरस पर बड़ी सफलता दर्ज की है। केरल में कोरोना वायरस से संक्रमित तीसरे मरीज की स्थिति में सुधार होने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इसमें एक का इलाज कसारगोड के कंझनगढ़ सरकारी अस्पताल में चल रहा थी, जबकि दूसरे छात्र का अलप्पुझा मेडिकल कॉलेज में अस्पताल चल रहा था।
चीन में अब भी स्थिति बेकाबू चीन में घातक कोरोना वायरस से हुबेई प्रांत में 100 और लोगों के मारे जाने के कारण इससे मरने वालों की संख्या सोमवार को 1700 के पार हो गई। प्रांत के स्वास्थ्य आयोग ने इसके 1,933 नए मामले सामने आने की पुष्टि की है। देशभर में इससे कम से कम 70,400 लोग संक्रमित हैं। इनमें से सबसे अधिक लोग हुबेई प्रांत में हैं, जहां से दिसम्बर में यह वायरस फैलना शुरू हुआ था।
संक्रमण के नए मामलों में पिछले सप्ताह की तुलना में हालांकि कमी आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने बताया था कि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का 12 सदस्यीय दल चीन पहुंच चुका है और चीनी अधिकारियों के साथ संक्रमण को समझने का काम कर रहा है।
भारत कर रहा चीन की मददकोरोना वायरस के भयानक प्रकोप को देखते हुए भारत वहां चिकित्सा सामग्रियों की एक खेप भेजेगा। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने रविवार को ट्विटर पर लिखा, 'चिकित्सा सामग्रियों की एक खेप भेजेगा और मुश्किल घड़ी से निकलने में चीन की मदद करेगा।
यह एक मजबूत उपाय है, जो चीनी लोगों के साथ भारत और यहां के लोगों की एकजुटता, दोस्ती और सद्भावना को प्रदर्शित करेगा।'
चीन के राष्ट्रपति ने स्थिति की गंभीरता पर दिया बड़ा बयान
चीन की सरकारी मीडिया ने हाल में राष्ट्रपति शी चिनिफिंग का भाषण प्रकाशित किया है जिससे पहली बार संकेत मिला है कि नए कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के शुरुआती अभियान का नेतृत्व वह स्वयं कर रहे थे।
तीन फरवरी को दिए गए भाषण को प्रकाशित कर यह दिखाने की कोशिश की गई कि कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व ने शुरुआत में ही निर्णायक कार्रवाई की, लेकिन इससे चिनफिंग की आलोचना भी शुरू हो गई कि आखिर लोगों को शुरू में ही क्यों आगाह नहीं किया गया।
भाषण में चिनफिंग ने कहा कि उन्होंने सात जनवरी को विषाणु से मुकाबला करने और शहरों को बंद करने के निर्देश दिए थे जिसके अनुपालन की शुरुआत 23 जनवरी को महामारी के केंद्र रहे शहरों को बंद करने के साथ हुई। उनकी यह टिप्पणी शनिवार को सरकारी मीडिया में प्रकाशित की गई।
कम्युनिस्ट पार्टी की शीर्ष निकाय स्थायी समिति को संबोधित करते हुए चिनफिंग ने कहा, ‘‘तेजी से फैल रही महामारी की पृष्ठभूमि और रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए 22 जनवरी को मैंने हुबेई प्रांत से लोगों के बाहर जाने पर विस्तृत और सख्त नियंत्रण लागू करने का अनुरोध किया।’’