Independence Day 2019: इतिहास में 14 अगस्त की तारीख आंसुओं से लिखी गई, जानिए कुछ महत्वपूर्ण बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 14, 2019 11:45 PM2019-08-14T23:45:40+5:302019-08-14T23:45:40+5:30

देश के इतिहास में 14 अगस्त की तारीख आंसुओं से लिखी गई है। यही वह दिन था, जब देश का विभाजन हुआ और 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान व 15 अगस्त, 1947 को भारत को एक पृथक राष्ट्र घोषित कर दिया गया।

independence day special Story The date of August 14 in history was written with tears, know some important things | Independence Day 2019: इतिहास में 14 अगस्त की तारीख आंसुओं से लिखी गई, जानिए कुछ महत्वपूर्ण बातें

देश के प्रथम नागरिक और राष्ट्रपति स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन देते हैं।

Highlightsविभाजन में न केवल भारतीय उप-महाद्वीप के दो टुकड़े किए गए, बल्कि बंगाल का भी विभाजन किया गया।हर साल देश के प्रथम नागरिक और राष्ट्रपति स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन देते हैं।

पूरे देश में 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। 15 अगस्त 1947 के दिन ही भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। देश के हर व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता दिवस बेहद खास महत्व रखता है। इस दिन लालकिले पर देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं। देश में हर जगह तिरंगा फहराया जाता है। पूरे देश में जोश का माहौल है। 

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को एक संगीत वीडियो ‘‘वतन’’ रिलीज किया। उन्होंने कहा कि यह वीडियो 15 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस समारोह में ‘रंग’ भर देगा। दूरदर्शन द्वारा बनाई गई इस वीडियो में समूचे भारत के अनुपम स्थानों के ‘स्नैपशॉट’ हैं और साथ ही जावेद अली द्वारा गाए गए देशभक्ति गीत के माध्यम से सरकार की उपलब्धियों को दर्शाया गया है।

जावड़ेकर ने कहा, ‘‘यह संगीत वीडियो इस देश के लोगों में देशभक्ति की भावना को जगाएगा और 15 अगस्त के जश्न में रंग देगा। मैं इस अद्भुत प्रयास के लिए दूरदर्शन और प्रसार भारती की टीम को बधाई देता हूं।’’ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह गीत ‘‘न्यू इंडिया’’ को समर्पित है। बयान में कहा गया है, ‘‘इसमें चन्द्रयान 2’’ के हाल के सफल प्रक्षेपण के पीछे दृढ़ संकल्प और दृष्टिकोण सहित सरकार की कई ऐतिहासिक पहलों को दर्शाया गया है। यह गीत हमारे सशस्त्र बलों और देश के शहीदों की वीरता को समर्पित है।’’

जानिए कुछ प्रमुख बातें

देश के इतिहास में 14 अगस्त की तारीख आंसुओं से लिखी गई है। यही वह दिन था, जब देश का विभाजन हुआ और 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान व 15 अगस्त, 1947 को भारत को एक पृथक राष्ट्र घोषित कर दिया गया।

इस विभाजन में न केवल भारतीय उप-महाद्वीप के दो टुकड़े किए गए, बल्कि बंगाल का भी विभाजन किया गया और बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से अलग कर पूर्वी पाकिस्तान बना दिया गया, जो 1971 के युद्ध के बाद बांग्लादेश बना।

कहने को तो यह एक देश का बंटवारा था, लेकिन दरअसल यह दिलों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था। भारत मां के सीने पर बंटवारे का यह जख्म आने वाली सदियों तक रिसता रहेगा।

विभाजन के कारण मनुष्य जाति के इतिहास में इतनी ज्यादा संख्या में लोगों का विस्थापन कभी नहीं हुआ। यह संख्या तकरीबन 1.45 करोड़ थी। भारत की जनगणना 1951 के अनुसार विभाजन के एकदम बाद 72,26,000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गए और 72,49,000 हिन्दू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत आए। 

भारत में 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली। यह भारत का राष्ट्रीय त्योहार है। हर साल भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।

1929 लाहौर सत्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज घोषणा की और 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में घोषित किया। कांग्रेस ने 1930 और 1950 के बीच 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया। 1947 में वास्तविक आजादी के बाद, भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को प्रभाव में आया, तब के बाद से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

बड़े पैमाने पर रक्तपात हुआ, बंगाल व बिहार में भी हिंसा भड़क गई। महात्मा गांधी की उपस्थिति ने सांप्रदायिक हिंसा को कम किया। नई सीमाओं के दोनों ओर 2 लाख 50 हज़ार से 10 लाख लोग हिंसा में मारे गए। पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा था। गांधी जी नरसंहार को रोकने की कोशिश में कलकत्ता में रुक गए।

नेहरू ने प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण किया और वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने पहले गवर्नर जनरल के रूप में अपना पदभार संभाला। गांधी ने हालांकि खुद आधिकारिक घटनाओं में कोई हिस्सा नहीं लिया। इसके बजाय, उन्होंने हिंदू और मुसलमानों के बीच शांति को प्रोत्साहित करने के लिए कलकत्ता में एक भीड़ से बात की, उस दौरान ये 24 घंटे उपवास पर रहे।

हर साल देश के प्रथम नागरिक और राष्ट्रपति स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन देते हैं। इसके अगले दिन लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है। इसके बाद 21 तोपों की सलामी दी जाती है। फिर देश के प्रधानमंत्री संबोधित करते हैं। राष्ट्रपति स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन से ही देखते हैं। 

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