Independence Day 2021: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि संसद हमारे लोकतंत्र का मंदिर है। संसद हमें वह सर्वोच्च मंच प्रदान करती है, जहां हम चर्चा एवं बहस करते हैं और हमारे लोगों की भलाई के लिए मुद्दों पर निर्णय लेते हैं।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए आजादी का त्योहार है। स्वतंत्रता के हमारे सपने को ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों की कई पीढ़ियों के संघर्ष के माध्यम से साकार किया गया था। उन्होंने महान बलिदान दिए। मैं उन वीर शहीदों की पवित्र स्मृति को नमन करता हूं।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भागीदारी में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं और जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाएं सफल हो रही हैं। अब जब हम अपने गणतंत्र की 75 साल की यात्रा को देखते हैं, तो हमारे पास इस बात पर गर्व करने का कारण है कि हमने कितनी दूरी तय की है। गांधी जी ने हमें सिखाया कि सही दिशा में धीमे और स्थिर कदम गलत दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने से बेहतर हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति के संबोधन का प्रसारण शाम सात बजे से आकाशवाणी के सभी नेटवर्क पर और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर हुआ। राष्ट्रपति का संबोधन पहले हिन्दी में और उसके बाद अंग्रेजी में प्रसारित हुआ। विज्ञप्ति के अनुसार, दूरदर्शन पर हिन्दी और अंग्रेजी के बाद उसके क्षेत्रीय चैनलों पर क्षेत्रीय भाषाओं में इसका प्रसारण। इसमें कहा गया है कि आकाशवाणी के क्षेत्रीय नेटवर्कों पर रात साढ़े नौ बजे क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारण होगा।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कियह उल्लेख करने में प्रसन्नता हो रही है कि ग्रामीण भारत, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र ने सभी बाधाओं के बावजूद अपनी वृद्धि बनाए रखी है। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने हमारे सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को दबाव में ला दिया। जम्मू कश्मीर के युवाओं को लोकतांत्रिक संस्थाओं के जरिए अपनी आकांक्षाओं को साकार करने पर काम करना चाहिए।
कोविंद ने कोविड-19 महामारी पर कहा कि हमें अपनी सतर्कता में कमी नहीं करनी चाहिए, विज्ञान की देन के रूप में टीके हमारे लिए सुरक्षा के सर्वश्रेष्ठ विकल्प हैं। विकास के आयाम तलाशने के लिए बेटियों को भी अवसर उपलब्ध कराएं। इस साल कोरोना वायरस के फिर से फैलने के कारण उत्पन्न विनाशकारी प्रभावों से देश का उबरना अभी बाकी है।