दिल्ली : 14 अगस्त गुरुवार का दिन था ,जब रात 11 बजकर 51 मिनट पर भारत की आजादी का कार्यक्रम शुरू हुआ । हर भारतीय के लिए ये एक पल सबसे ऐतिहासिक था और हमेशा रहेगा । इसी दौरान अपने 4 मिनट 46 सकेंड के भाषण में नेहरू जी ने कहा था कि जब पूरी दुनिया सो रही है तो भारत ने अपनी आजादी जीत ली । आजादी की पहली सुबह हुई तो लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराने तक की फुर्सत नहीं मिली पूरा दिन कागजी कार्रवाई चलती रही । 16 अगस्त 1947 दिन शनिवार, जब लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया गया तो आखरी अंग्रेज वॉयसराय माउंटबेटन के हाथ भी तिरंगे को सलामी देने के लिए उठ गए ।
माउंटबेटन आजाद भारत का पहला वॉयसराय भी था, जिसने आजादी के बाद पाकिस्तान और भारत के अलग होने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । उन्होंने आजादी के बाद कहा था कि अब भारत पर केवल भारत के लोगों का शासन रहेगा । गांधी जी के चंपारण सत्याग्रह से लेकर भारत छोड़ो आंदोलन तक सब उसी दिन सफल हो गया । कई लोगों ने इस दिन के लिए शहीद हो गए ।
आज अपनी 75 वीं वर्षगांठ पूरा देश उन शहीदों को नमन कर रहा है , जिन्होंने अंग्रेजों से लड़कर आजादी जीती और हर भारतीय का सपना पूरा किया । आजादी के साथ ही भारत को स्वशासन भी मिल गया था मतलब पहले भारत के लोगों की प्रशासनिक और सैन्य अधिकार नहीं थे । आजादी के बाद ही हमें सारे अधिकार मिलें और नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने ।