केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाकर 50% करें,16वें वित्त आयोग से तेलंगाना सरकार का आग्रह
By आकाश चौरसिया | Published: September 10, 2024 03:22 PM2024-09-10T15:22:53+5:302024-09-10T15:33:52+5:30
16वें वित्त आयोग से केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी मौजूदा 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग तेलंगाना की रेवंत सरकार ने आयोग के सदस्यों के सामने रखी।
हैदराबाद: तेलंगाना सरकार ने 16वें वित्त आयोग से केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी मौजूदा 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का मंगलवार को अनुरोध किया है। पिछले कुछ वर्षों में राज्यों के साथ साझा नहीं किए जाने वाले उपकर और अधिभार में वृद्धि हुई है। वित्त मामलों के प्रभारी उप मुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क ने वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया और सदस्यों के साथ बैठक में अपने भाषण में वित्त समिति से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि राज्यों को उनकी विशिष्ट विकास आवश्यकताओं के अनुरूप सीएसएस (केन्द्र प्रायोजित योजना) कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए आवश्यक स्वायत्तता दी जाए।
उन्होंने कहा, "इसके अतिरिक्त, हम केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में राज्यों के साथ साझा न किए जाने वाले उपकर तथा अधिभार में वृद्धि हुई है, जिससे राज्यों के पास कुल सकल कर राजस्व का छोटा हिस्सा रह गया है।"
Watch: Telangana Chief Minister Revanth Reddy has requested the 16th Finance Commission to increase the state's share of central taxes, provide financial assistance to manage debt, and support Telangana’s goal to become a trillion-dollar economy pic.twitter.com/BaUol6Qnvz
— IANS (@ians_india) September 10, 2024
मंत्री ने कहा कि ऊर्ध्वाधर हस्तांतरण बढ़ाने से राज्यों को कल्याणकारी कार्यक्रमों को मजबूत करने, बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करने और स्थानीय विकास को प्राथमिकता देने के लिए आवश्यक वित्तीय समर्थन मिलेगा। अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व 16वें वित्त आयोग के सदस्य तेलंगाना के दौरे पर हैं। इस दौरान सोमवार को उन्होंने यहां कई राजनीतिक दलों, स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों और उद्योग मंडलों के साथ बैठक कीं।
ప్రజా భవన్ లో 16వ ఆర్థిక సంఘం సమావేశంలో పాల్గొనడం జరిగింది.
— Revanth Reddy (@revanth_anumula) September 10, 2024
దేశాభివృద్ధిలో తెలంగాణది కీలక పాత్ర. భారీ రుణభారం తెలంగాణకు సవాల్ గా మారింది.
గత ఆర్థిక సంవత్సరం చివరి నాటికి తెలంగాణ అప్పు రూ.6.85 లక్షల కోట్లకు చేరింది.
రాష్ట్ర ఆదాయంలో అధిక భాగం రుణాల
తిరిగి చెల్లింపులకే… pic.twitter.com/kbHOnCm9GJ