कर्नाटक में बागियों की संख्या में इजाफाः कांग्रेस कोटे से मंत्री रहे दो अन्य विधायकों ने स्पीकर को सौंपा इस्तीफा!

By भाषा | Published: July 11, 2019 07:10 AM2019-07-11T07:10:43+5:302019-07-11T07:41:56+5:30

कर्नाटक में संकट में घिरी कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार को ताजा झटका देते हुए कांग्रेस के दो विधायकों आवास मंत्री एम टी बी नागराज और के. सुधाकर ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे सौंप दिये जिससे असंतुष्ट विधायकों की संख्या बढ़कर 16 हो गयी है।

Increase in number of rebels in Karnataka: Two other MLAs, who were ministers from Congress quota, resigned to speaker! | कर्नाटक में बागियों की संख्या में इजाफाः कांग्रेस कोटे से मंत्री रहे दो अन्य विधायकों ने स्पीकर को सौंपा इस्तीफा!

कर्नाटक में बागियों की संख्या में इजाफाः कांग्रेस कोटे से मंत्री रहे दो अन्य विधायकों ने स्पीकर को सौंपा इस्तीफा!

Highlights गठबंधन सरकार को ताजा झटका देते हुए कांग्रेस के दो विधायकों आवास मंत्री एम टी बी नागराज और के. सुधाकर ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे सौंप दिये कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार को हिरासत में ले लिया गया और मुंबई से वापस बेंगलुरू भेजा गया।

बेंगलुरू, 10 जुलाई: कर्नाटक में संकट में घिरी कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार को ताजा झटका देते हुए कांग्रेस के दो विधायकों आवास मंत्री एम टी बी नागराज और के. सुधाकर ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे सौंप दिये जिससे असंतुष्ट विधायकों की संख्या बढ़कर 16 हो गयी है। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार को हिरासत में ले लिया गया और मुंबई से वापस बेंगलुरू भेजा गया।

शिवकुमार मुंबई के एक आलीशान होटल में ठहरे हुए बागी विधायकों से मिलने गये थे लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने नहीं दिया। अगर विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन को सदन में बहुमत खोने की आशंका है क्योंकि अभी 224 सदस्यीय सदन में उसके विधायकों की संख्या 116 है। इन इस्तीफों के मिलने की पुष्टि करते हुए विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘जी हां, सुधाकर और एम. टी. बी. नागराज ने इस्तीफा दे दिया है।’’

नागराज और सुधाकर ने राज्य सचिवालय के विधान सौध में विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में अपना इस्तीफा सौंपा। इस्तीफा सौंपने के बाद नागराज राज्यपाल वजुभाई वाला से मिले और उन्हें अपने फैसले के बारे में जानकारी दी। वहीं दूसरी तरफ सुधाकर के अपना इस्तीफा सौंपने के बाद अध्यक्ष के कार्यालय के बाहर आने पर ‘हाई ड्रामा’ हुआ। समाज कल्याण मंत्री प्रियंक खड़गे समेत कांग्रेस के नाराज नेताओं ने उन्हें घेर लिया और उनसे अपना इस्तीफा वापस लेने की मांग की लेकिन वह इस्तीफा वापस लेने को राजी नहीं हुए। बाद में सुधाकर को पूरी पुलिस सुरक्षा में राजभवन ले जाया गया।

रिपोर्टों के अनुसार राज्यपाल ने पुलिस आयुक्त आलोक कुमार को विधायक को जल्द से जल्द उनके समक्ष पेश करने के निर्देश दिये थे जिसके बाद सुधाकर को राजभवन लाया गया। अपना इस्तीफा देने के बाद नागराज ने कहा, ‘‘मैं कोई मंत्री पद या कुछ नहीं चाहता। मैं राजनीति से निराश हो गया हूं।’’ नागराज और सुधाकर शाम करीब चार बजे विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय पहुंचे और अपने आधिकारिक लेटरहेड पर लिखा अपना इस्तीफा उन्हें सौंपा।

सुधाकर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष हैं। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया भी सुधाकर को अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने के वास्ते विधान सौध आये। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के एक-दूसरे के खिलाफ नारे लगाने से तनाव व्याप्त हो गया था। बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्थिति को नियंत्रित करने के वास्ते विधान सौध पहुंचे। सचिवालय के बाहर खड़े कुछ मीडियाकर्मियों का पुलिस ने पीछा किया। कुछ कैमरामैन ने शिकायत की कि उन्हें पीटा गया और उनके उपकरण तोड़ दिये गये।

भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि कांग्रेस सुधाकर को जाने नहीं दे रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने देखा कि किस तरह सुधाकर को धक्का दिया गया।’’ उन्होंने कहा कि नागराज को राज्यपाल से मिलने दिया गया जबकि सुधाकर को नहीं जाने दिया गया। उन्हें एक कमरे में कैद कर दिया गया। यह गुंडागर्दी है। सिद्धरमैया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘सुधाकर हमारा विधायक हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नेता उनसे बात कर रहे थे। सुधाकर के साथ भाजपा का क्या संबंध है? वह भाजपा के विधायक या कार्यकर्ता नहीं हैं .. जब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता, वह कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने रहेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सीएलपी के नेता के रूप में मैं उनसे बात कर रहा हूं। भाजपा ने क्या हंगामा मचाया ... उपद्रव करने के लिए? भाजपा के विधायक और कार्यकर्ता उपद्रवी हैं। उन्होंने कानून अपने हाथ में ले लिया। मैं इसकी निंदा करता हूं। ”

विधानसभा अध्यक्ष के अलावा गठबंधन के पास 116 विधायक (कांग्रेस - 78, जदएस - 37 और बसपा - 1) हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार से इनके अलावा दो निर्दलीय विधायकों ने भी सोमवार को मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने वाले इन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से अब भाजपा के पास 224 सदस्यीय विधानसभा में 107 विधायक हैं, जबकि बहुमत के लिये 113 का आंकड़ा चाहिए। अगर इन 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकृत कर लिये जाते है तो गठबंधन का आंकड़ा घटकर 100 हो जायेगा।

Web Title: Increase in number of rebels in Karnataka: Two other MLAs, who were ministers from Congress quota, resigned to speaker!

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