यूपी में 1.80 लाख मृतकों-अपात्रों ने ली वृद्धावस्था पेंशन, 17 हजार अपात्र किसानों के खाते में गई रकम
By राजेंद्र कुमार | Updated: June 22, 2025 19:25 IST2025-06-22T19:25:43+5:302025-06-22T19:25:43+5:30
प्रदेश सरकार ही जांच में अब तक वृद्धावस्था पेंशन लेने वाले 1.80 लाख अपात्र लोग पकड़े गए हैं. जिसमें मृतक, कम उम्र और निर्धारित सीमा से अधिक आय वाले लोग शामिल हैं.

यूपी में 1.80 लाख मृतकों-अपात्रों ने ली वृद्धावस्था पेंशन, 17 हजार अपात्र किसानों के खाते में गई रकम
लखनऊ:उत्तर प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन तथा किसान समान निधि का भुगतान बड़ी संख्या में फिर से अपात्र लोगों को हो गया है. सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी ) योजना के तहत इन दोनों योजनाओं की धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी फिर भी इनमें घोटाला हो गया. प्रदेश सरकार ही जांच में अब तक वृद्धावस्था पेंशन लेने वाले 1.80 लाख अपात्र लोग पकड़े गए हैं. जिसमें मृतक, कम उम्र और निर्धारित सीमा से अधिक आय वाले लोग शामिल हैं.
इसी प्रकार 12 हजार दंपति किसान सम्मान निधि का लाभ लेते हुये पकड़े गए हैं. इसके अलावा करीब पांच हजार मृतक किसानों के खाते में हुई किसान सम्मान योजना की धनराशि भेजे जाने का मामला पकड़ में आया है. समाज कल्याण और कृषि विभाग के सर्वे से यह धांधली पकड़ में आई है. जिसके चलते अब वृद्धावस्था पेंशन और किसान सम्मान निधि की सूची से अपात्र लोगों के नाम काटे जा रहे हैं. यहीं नहीं जिन लोगों ने गलत तारीक से पेंशन और किसान सम्मान निधि का पैसा लिए है, उनके धनराशि की वसूली की जाएगी.
अपात्रों के होगी रिकवरी :
राज्य के समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण के अनुसार, केंद्र और प्रदेश सरकार की कमजोर लोगो की मदद के लिए किसान सम्मान निधि और वृद्धावस्था पेंशन के जरिए लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है. प्रदेश का समाज कल्याण विभाग सूबे में 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को एक हजार रुपये प्रति महीने वृद्धावस्था पेंशन देती हैं. इस योजना का जो मानक तय किया गया है, उसके अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे बुजुर्ग जिनके परिवार की वार्षिक आय 46,080 रुपए है और शहरी क्षेत्रों में ऐसे बुजुर्ग जिनके परिवार की सालाना आय 56,040 रुपये है, को ही वृद्धावस्था पेंशन दी जाती है.
इन मानकों के तहत राज्य में 67 लाख बुजुर्गों को पेंशन दी जा रही है. सभी बुजुर्गों के बैक खाते में डीबीटी के तहत वृद्धावस्था पेंशन का धनराशि हर तीन माह में भेजी जाती है, ताकि कोई बिचौलिया बुजुर्गों के धन को हड़पे नहीं. यही नहीं वृद्धावस्था पेंशन का पैसा पारदर्शी ढंग से पात्र लोगों को ही मिले इसके लिए समय-समय पर सर्वे भी विभाग करता है.
बीते माह कराए गए सर्वे में 1.80 लाख लोग ऐसे मिले जो अपात्र हैं. इनमें 80 वर्ष से अधिक की उम्र वाले सैंकड़ों बुजुर्ग ऐसे मिले जिनकी मौत हो गई है. ऐसे लोगों के बैंक खातों में भी वृद्धावस्था पेंशन की धनराशि भेजी गई है, अब विभाग ऐसे बुज़र्गों के बैंक खातों से जमा धनराशि वापस लेगा. इसके अलावा ऐसे परिवार जो बुजुर्ग की मृत्यु होने के बावजूद वृद्धावस्था पेंशन के पैसे का उपयोग कर रहे थे उनसे भी रिकवरी की जाएगी.
इसके अलावा बड़ी संख्या में ऐसे बुजुर्ग में सर्वे में मिले हैं, जो आयकर दे रहे हैं फिर भी वह गलत तरीके से वृद्धावस्था पेंशन ले रहे थे, इनके भी रिकवरी की जाएगी. उन्होने यह भी बताया कि यूपी में वृद्धावस्था पेंशन का बजट आठ हजार करोड़ रुपए का है. इस बजट से प्रदेश सरकार 67 लाख बुजुर्ग लोगों को हर माह एक-एक हजार रुपए पेंशन देती हैं. हर तीन माह की पेंशन सरकार एक साथ वृद्धों को देती है. असीम अरुण का कहना है कि समाज कल्याण निदेशक कुमार प्रशांत से वृद्धावस्था पेंशन के कराए गए सर्वे में 1.80 लाख अपात्र लोगों को चिन्हित किया है.
इन अपात्रों को पेंशन योजना की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है. इसके साथ ही यह तय किया गया है कि अब हर तीन माह में पेंशन का पैसे जारी करने के पहले योजना का सर्वे कर या सुनिशिचित किया जाएगा कि उक्त योजना का पैसा कोई गलत तारीक से ना हड़प सके. 1.80 लाख अपात्र लोग के खाते में योजना की कुछ कितनी धनराशि भेजी गई है? यह पूछे जाने पर असीम अरुण का कहना था कि इसका पता लगाया जा रहा है. जल्दी ही इसके बारे में बताया जाएगा.
किसान सम्मान निधि भी अपात्रों को मिली
वृद्धावस्था पेंशन की तरह ही यूपी में किसान सम्मान निधि की धनराशि हजारों अपात्रों को मिली है. विभागीय जान में इसका खुलासा हुआ है. पता चला है कि 12 हजार पति-पत्नी दोनों ही किसान सम्मान निधि का पैसा ले रहे थे. इसके अलावा पांच हजार से अधिक किसानों के मरने के बाद भी उनके खाते में निधि का पैसा जा रहा है. सूबे के कृषि मंत्री सूर्य कुमार शाही कहते हैं इस मामले में कार्रवाई की जा रही है. बलिया जिले में बड़ी संख्या में पति और पत्नी के खाते में किसान सम्मान निधि का पैसा गया है.
अब इस गलती को सुधारा जा रहा है. परिवार में सिर्फ एक ही व्यक्ति को किसान सम्मान निधि का पैसा भेजा जाएगा. मृतक किसान के खाते में निधि का पैसा ना जाए, इसके लिए किसान सम्मान निधि की सूची अपडेट करने को कहा गया है. कृषि मंत्री के अनुसार, प्रदेश में प्रदेश में लगभग 2.25 करोड़ किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं. इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जो तीन बराबर किस्तों में दी जाती है.