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नए साल में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के खिलाफ ‘दवाई भी, कड़ाई भी’ का नया मंत्र दिया

By भाषा | Updated: December 31, 2020 14:52 IST

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अहमदाबाद, 31 दिसम्बर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों की संख्या कम हो रही है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि लोग लापरवाही बरतें। उन्होंने नए साल में ‘दवाई भी, कड़ाई भी’ का मंत्र देते हुए टीकाकरण के बाद भी सावधानी बरतने का देशवासियों से आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखने के बाद यह विश्वास व्यक्त किया कि कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए भी पूरा भारत एकजुटता से आगे बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि कोरोना के टीके को लेकर भारत में सभी जरूरी तैयारियां चल रही हैं और भारत में निर्मित टीका हर घर तक पहुंचे, इसके लिए कोशिशें अंतिम चरण में है।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस समारोह में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी उपस्थित थे।

मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘इससे पहले मैंने कहा था कि ‘दवाई नहीं, तो ढिलाई नहीं’। अब मैं कह रहा हूं कि ‘दवाई भी और कड़ाई भी’। कड़ाई यानी सावधानी भी'। वर्ष 2021 के लिए हमारा मंत्र है ‘दवाई भी और कड़ाई भी’।’’

उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि कि कोरोना के टीके को लेकर विभिन्न लोग विभिन्न प्रकार की अफवाहें भी फैला सकते हैं लेकिन देशवासियों को इनसे सावधान रहना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग तो अभी से अफवाहें फैलाने लगे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं देश के लोगों से अपील करता हूं कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई एक अज्ञात दुश्मन के खिलाफ है। इस तरह की अफवाहों को लेकर सावधान रहें और जिम्मेदार नागरिक होने के नाते सोशल मीडिया पर बिना जांच किए मैसेज फारवर्ड करने से परहेज करें।’’

मोदी ने कहा कि देश में कोविड-19 के टीकाकरण कार्यक्रम की तैयारी आखिरी चरण में है।

उन्होंने कहा, ‘‘साल 2020 में संक्रमण की निराशा थी, चिंताएं थी, चारों तरफ सवालिया निशान थे। लेकिन 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है। वैक्सीन को लेकर भारत में सभी जरूरी तैयारियां चल रही हैं। भारत में बना टीका तेजी से हर जरूरी घर तक पहुंचे, इसके लिए कोशिशें अंतिम चरणों में है।’’

उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने के लिए भारत की तैयारियां जोरों पर है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है बीते साल संक्रमण को रोकने के लिए हम ने जिस एकजुटता से प्रयास किए, उसी तरह टीकाकरण को सफल बनाने के लिए भी पूरा भारत एकजुटता से आगे बढ़ेगा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने एकजुटता के साथ उचित समय पर प्रभावी कदम उठाए और उसी का परिणाम है कि आज कोरोना के खलाफ लड़ाई में देश बहुत बेहतर स्थिति में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस देश में 130 करोड़ से ज्यादा लोग हों, घनी आबादी हों। वहां करीब एक करोड़ लोग इस बीमारी से लड़कर जीत चुके हैं।’’

उन्होंने कहा कि मुश्किल भरे इस साल ने दिखाया है कि भारत जब एकजुट होता है तो मुश्किल से मुश्किल संकट का सामना भी वह प्रभावी तरीके से कर सकता है।

मोदी ने कहा कि साल 2020 को राजकोट एम्स जैसी एक नई स्वास्थ्य सुविधा के साथ विदाई देना इस साल की चुनौती को भी बताता है और नए साल की प्राथमिकता को भी दर्शाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम भारत में चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिए मिशन मोड में काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के गठन के बाद स्वास्थ्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।’’

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के जरिए गरीब लोगों का 30,000 करोड़ रुपये से अधिक धन बचाया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ ‘जन औषधि केन्द्र’ बीमारी में गरीब लोगों के लिए एक मित्र की भूमिका भी निभाता है। देश में सात हजार से अधिक ऐसे केन्द्र लोगों को 90 प्रतिशत सस्ती दवाइयां उपलब्ध करा रहे हैं। रोजाना 3.5 लाख से अधिक गरीब इन केन्द्रों का इस्तेमाल करते हैं।’’

मोदी ने कहा, ‘‘ पिछले छह साल में हमने 10 एम्स का काम शुरू किया और 20 ‘सुपर स्पेशियलिटी’ अस्पताल भी बनाए जा रहे हैं। ’’

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश में चिकित्सा शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के गठन के बाद स्वास्थ्य शिक्षा की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत फ्यूचर ऑफ हेल्थ और हेल्थ ऑफ फ्यूचर दोनों में ही सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है जहां दुनिया को पेशेवर चिकित्सक भी मिलेंगे, उनका सेवाभाव का लाभ भी मिलेगा।’’

उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्वास्थ्य तंत्रिका केंद्र में बदल गया है।

प्रधानमंत्री ने साल के अंतिम दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने वाले देश के लाखों चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों, सफाई कर्मियों, दवा दुकानों में काम करने वालों, और अग्रिम पंक्ति के दूसरे कोरोना योद्धाओं को याद किया और उन्हें नमन किया जिन्होंने इसमें प्राण न्योछावर कर दिए।

राजकोट में एम्स के लिए 201 एकड़ से अधिक जगह आवंटित की गई है और यह लगभग 1,195 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। संस्थान का निर्माण 2022 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है।

इस आधुनिक अस्पताल में 750 बिस्तर होंगे जिनमें से 30 बिस्तर आयुष ब्लॉक में होंगे। इसमें एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए 125 और नर्सिंग पाठ्यक्रम के लिए 60 सीट होंगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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