विपक्षी दलों की बैठक में मतभेद भूलने और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होने का आह्वान

By भाषा | Published: August 20, 2021 10:30 PM2021-08-20T22:30:55+5:302021-08-20T22:30:55+5:30

In the meeting of opposition parties, a call to forget differences and unite for the 2024 Lok Sabha elections | विपक्षी दलों की बैठक में मतभेद भूलने और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होने का आह्वान

विपक्षी दलों की बैठक में मतभेद भूलने और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होने का आह्वान

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पहल पर देश के 19 विपक्षी दलों के नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ‘मजबूरियों’ और मतभेदों को भुलाकर भाजपा के खिलाफ एकजुट होने पर सहमति जताई। साथ ही, कथित पेगासस जासूसी मामला, किसान आंदोलन और कई अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को पुरजोर ढंग से घेरने का संकल्प लिया। इस डिजिटल बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों से कहा कि वे अगले लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट हों और देश के संवैधानिक प्रावधानों एवं स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों में विश्वास रखने वाली सरकार के गठन के लिए अपनी ‘मजबूरियों’ से ऊपर उठें तथा इस पर व्यवस्थित ढंग से योजना बनाने की शुरुआत करें। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय विपक्षी दलों की एकजुटता राष्ट्रहित की मांग है और कांग्रेस अपनी ओर से कोई कमी नहीं रखेगी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी विपक्षी दलों का आह्वान किया कि देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए सभी को साथ मिलकर काम करना चाहिए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ संयुक्त आंदोलनों को लेकर विपक्षी नेताओं का एक 'कोरग्रुप' बनाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने विपक्षी दलों से मतभेदों को भूलाकर साथ आने का भी आह्वान किया। सोनिया द्वारा बुलाई गई इस डिजिटल बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक नेता एम. के. स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन शामिल हुए। इस बैठक में समाजवादी पार्टी शामिल नहीं हुई। विपक्ष की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के किसी दूरस्थ इलाके में होने के कारण इस डिजिटल बैठक में शामिल नहीं हो सके, हालांकि पत्र भेजकर अपना पूरा समर्थन जताया है। इस बैठक में भाकपा, माकपा, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, राजद, एआईयूडीएफ, वीसीके, जनता दल (एस), राष्ट्रीय लोक दल, लोकतांत्रिक जनता दल, आरएसपी, केरल कांग्रेस (एम) और आईयूएमएल के नेता भी शामिल हुए। बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी कर विपक्षी दलों ने कथित पेगासस जासूसी मामला, किसान आंदोलन, महंगाई और कई अन्य मुद्दों को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया और 11 सूत्री मांग रखते हुए कहा कि वे सरकार की नीतियों के खिलाफ 20 से 30 सितंबर के बीच राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेंगे। विपक्षी नेताओं ने कहा कि सरकार पेगासस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराए, तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करे, महंगाई पर अंकुश लगाए तथा जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करे। सोनिया ने संसद के हालिया मानसून सत्र के दौरान दिखी विपक्षी एकजुटता का उल्लेख किया और कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि यह विपक्षी एकजुटता संसद के आगे के सत्रों में भी बनी रहेगी, परंतु व्यापक राजनीतिक लड़ाई संसद से बाहर लड़ी जानी है।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर (हमारा) लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव है। हमें देश को एक ऐसी सरकार देने के उद्देश्य के साथ व्यवस्थित ढंग से योजना बनाने की शुरुआत करनी है जो स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और संविधान के सिद्धांतों एवं प्रावधानों में विश्वास करती हो।’’ उन्होंने विपक्षी दलों का आह्वान किया, ‘‘ यह एक चुनौती है, लेकिन हम साथ मिलकर इससे पार पा सकते हैं और अवश्य पाएंगे क्योंकि मिलकर काम करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। हम सभी की अपनी मजबूरियां हैं, लेकिन अब समय आ गया है जब राष्ट्र हित यह मांग करता है कि हम इन विवशताओं से ऊपर उठें।’’ सोनिया ने कहा, ‘‘देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ अपने व्यक्तिगत और सामूहिक संकल्प पर फिर जोर देने का सबसे उचित अवसर है। मैं यह कहूंगी कि कांग्रेस की तरफ से कोई कमी नहीं रहेगी।’’ बैठक में भाग लेने वाले राकांपा प्रमुख शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘ सोनिया गांधी जी की पहल पर आज समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक संपन्न हुई। वर्चुअल रूप से आयोजित की गई इस बैठक में सम्मिलित होकर अपने विचार व्यक्त किए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान सरकार इन सभी मुद्दों को हल करने में विफल रही है। जो लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं, जो लोग हमारे देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं, उन्हें एक साथ आना चाहिए, ऐसा मेरा आह्वान है।’’ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने इस बैठक में कहा कि देश में विपक्ष को लोकसभा चुनाव से पहले (मुद्दों में) धार एवं नयापन लाना चाहिए तथा जहां भी क्षेत्रीय दल मजबूत है, वहां उन्हें आगे रहने देना चाहिए। विपक्षी दल राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के वास्ते एकजुट होने के लिए प्रयासरत हैं ताकि अगले लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से कड़ी चुनौती पेश की जा सके। हाल ही में संपन्न हुए संसद के मानसून सत्र के दौरान पेगासस जासूसी विवाद, किसान आंदोलन और महंगाई के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता देखने को मिली थी। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी विपक्षी एकजुटता की पूरी कवायद के केंद्रबिंदु में नजर आए थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: In the meeting of opposition parties, a call to forget differences and unite for the 2024 Lok Sabha elections

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे