पुनर्गठित मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में गहलोत ने मंत्रियों से कहा : जनता के लिए खुले रखें अपने दरवाजे

By भाषा | Published: November 24, 2021 09:08 PM2021-11-24T21:08:13+5:302021-11-24T21:08:13+5:30

In the first meeting of the reconstituted Council of Ministers, Gehlot told the ministers: Keep your doors open for the public | पुनर्गठित मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में गहलोत ने मंत्रियों से कहा : जनता के लिए खुले रखें अपने दरवाजे

पुनर्गठित मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में गहलोत ने मंत्रियों से कहा : जनता के लिए खुले रखें अपने दरवाजे

जयपुर, 24 नवंबर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को अपने मंत्रियों से कहा कि वे आम जनता के लिए अपने दरवाजे खुले रखें, उनकी बात सुने-समझें और उचित मदद करें। साथ ही उन्होंने मंत्रियों से विधायकों की बातों पर भी गौर करने को कहा।

मुख्यमंत्री गहलोत बुधवार शाम को यहां अपनी पुनर्गठित मंत्रिपरिषद की पहली बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में फैसला किया गया कि सभी मंत्री हफ्ते के पहले तीन दिन (सोमवार, मंगलवार और बुधवार) राजधानी जयपुर में रहकर जनसुनवाई करेंगे और विभागीय योजनाओं की समीक्षा करेंगे।

बैठक के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने संवाददाताओं को बताया, ''मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को साफ कहा कि मंत्री जयपुर में जहां भी रहते हैं अपने दरवाजे खुले रखें .. सुबह जन सुनवाई करें... लोगों की बात सुनें समझे.. उनकी मदद करें।’’

खाचरियावास के अनुसार, इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘विधायक कोई आता है तो उनका तुरंत प्रभाव से एक्शन लें।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी मंत्रियों से 'एक्शन मोड' में रहने और सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के साथ-साथ उनके क्रियान्वयन पर निगरानी रखने को कहा।

बैठक के बाद जारी सरकारी बयान के अनुसार, बैठक में निर्णय किया गया कि सभी मंत्री सप्ताह के पहले तीन दिन-सोमवार, मंगलवार व बुधवार- जयपुर मुख्यालय पर ही रहकर जन अभाव अभियोग के निराकरण के साथ ही विभागीय योजनाओं की नियमित समीक्षा करेंगे।

इसी तरह सभी प्रभारी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों का महीने में कम से कम 2 दिन का दौरा करना होगा। इस दौरान वे जनसुनवाई करेंगे और जनप्रतिनिधियों के साथ जिले की समस्याओं, राज्य सरकार की योजनाओं एवं कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन का फीडबैक लेंगे और जिला प्रशासन के साथ इनकी समीक्षा करेंगे।

बैठक में कहा गया कि आमजन की आकांक्षाओं को पूरा करने तथा राज्य के चहुंमुखी विकास के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बीते करीब तीन साल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं एवं कार्यक्रम लागू किए। साथ ही कई जनकल्याणकारी घोषणाएं भी की गई है। कोरोना की विषम परिस्थितियों में भी सरकार ने जनता को राहत देने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। जमीनी स्तर तक सरकार की योजनाओं, कार्यक्रमों व नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर राज्य में सुशासन को और अधिक गति दी जाए।

मंत्रिपरिषद ने 17 दिसंबर को राज्य सरकार के कार्यकाल के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विभिन्न परियोजनाओं एवं विकास कार्यो के प्रस्तावित लोकार्पण एवं शिलान्यास पर भी विस्तृत चर्चा की।

मंत्रिपरिषद ने निर्णय किया कि राज्‍य में खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम के लिए अगले साल से युद्ध स्तर पर अभियान शुरू किया जाएगा।

बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार निवेश के प्रवाह को बढ़ाने व राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए आगामी 24 एवं 25 जनवरी को इन्वेस्ट राजस्थान सम्मेलन के रूप में एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में बहुप्रतीक्षित फेरबदल के तहत रविवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस के 15 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। उनमें से 11 विधायकों को कैबिनेट एवं चार विधायकों को राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली थी। नए मंत्रियों को विभागों का आवंटन सोमवार को किया।

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