सर्वोच्च न्यायालय में शिंदे गुट ने कहा- हमने पार्टी नहीं छोड़ी, बस नेतृत्व बदलना चाहते हैं

By शिवेंद्र राय | Published: August 3, 2022 04:29 PM2022-08-03T16:29:42+5:302022-08-03T16:31:04+5:30

सर्वोच्च न्यायालय में शिवसेना पर दावे को लेकर आज सुनवाई हुई। शिंदे गुट की तरफ से पेश वकील हरीश साल्वे ने कहा कि एकनाथ शिंदे गुट के विधायक और सांसद चाहते हैं कि पार्टी के नेतृत्व में बदलाव किया जाए। यह पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं है बल्कि पार्टी के अंदर की एक लड़ाई है।

In Supreme Court Shinde faction said we just want to change shivsena leadership | सर्वोच्च न्यायालय में शिंदे गुट ने कहा- हमने पार्टी नहीं छोड़ी, बस नेतृत्व बदलना चाहते हैं

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (फाइल फोटो)

Highlightsशिंदे गुट वकील हरीश साल्वे ने कहा हम बस नेतृत्व बदलना चाहते हैंसाल्वे ने कहा- यह पार्टी के अंदर की एक लड़ाई हैगुरुवार तक के लिए टाली गई सुनवाई

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय में आज शिवसेना पर अधिकार के दावे को लेकर सुनवाई हुई। उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से पेश हुए वकीलों ने शीर्ष अदालत के सामने अपनी दलीलें रखीं। सुनवाई के दौरान एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से कहा गया कि उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है, केवल नेता बदलना चाहते हैं। शीर्ष अदालत में शिंदे गुट के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि इस पूरे मामले में दल-बदल कानून लागू ही नहीं होता है। साल्वे ने दलील दी कि दल-बदल कानून तभी लागू होता है जब विधायक या सांसद किसी दूसरे दल में चले जाएं या फिर पार्टी को छोड़ दें। एकनाथ शिंदे गुट के विधायक सिर्फ पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं और अलग गुट के तौर पर दावा ठोक रहे हैं क्योंकि बहुमत उनके साथ है। हरीश साल्वे ने कहा कि एकनाथ शिंदे गुट के विधायक और सांसद चाहते हैं कि पार्टी के नेतृत्व में बदलाव किया जाए। साल्वे ने कहा कि यह मामला पार्टी से अलग होने का नहीं बल्कि पार्टी के अंदर ही तनाव और फेरबदल की मांग का है। 

हरीश साल्वे ने कहा, 'भारत में हम राजनीतिक दलों को कुछ नेताओं के नाम से जानते हैं। हमारा ताल्लुक शिवसेना से है। हमारे मुख्यमंत्री ने हमसे मिलने से ही मना कर दिया। हम मुख्यमंत्री बदलना चाहते थे। यह पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं है बल्कि पार्टी के अंदर की एक लड़ाई है।'

दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे गुट के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि किसा पार्टी के दो तिहाई सदस्य यह नहीं कह सकते की वही पार्टी हैं क्योंकि अब भी एक तिहाई सदस्य पार्टी में मौजूद हैं। सिब्बल ने कहा कि शिवसेना के बागी विधायकों ने न तो अलग पार्टी बनाई न ही किसी दूकरी पार्टी में विलय किया। वह खुद को ही मूल पार्टी बता रहे हैं। सिब्बल ने कहा कि मूल पार्टी से अलग होने की भी स्थिति है। प्रत्येक स्थिति के लिए कानून है और कानून कहते हैं कि उन्हें केवल एक अलग समूह के रूप में मान्यता दी जाएगी, लेकिन एक अलग राजनीतिक पार्टी के रूप में नहीं। सिब्बल ने कहा कि बागियों का दावा है कि वह राजनीतिक दल हैं, लेकिन यह सच नहीं है। कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश के सामने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार अवैध है।  शिंदे सरकर का गठन गलत तरीके से हुआ है इसलिए उसके द्वारा लिए गए सभी फैसले अवैध हैं।

सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच कर रही है। अदालत ने सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी है।

Web Title: In Supreme Court Shinde faction said we just want to change shivsena leadership

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